Jind Vidhansabha chunav : विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही चुनावी सरगर्मियां शुरू हो गई हैं। जींद विधानसभा सीट (Jind Politics )पर इस बार भाजपा व कांग्रेस के बीच टक्कर मानी जा रही है। जींद विधानसभा सीट पर अग्रवाल समाज के नेताओं का दबदबा रहा है। अब पिछले 15 साल से मिढ़ा परिवार जीद में मजबूती से अपनी पकड़ बनाए हुए है, जो पंजाबी समुदाय से आते हैं। फिलहाल जींद में भाजपा के डा. कृष्ण मिढ़ा हैं। इससे पहले उनके पिता डा. हरिचंद मिढ़ा दो बार इनेलो के टिकट पर विधायक रहे।
हालांकि इससे पहले जींद विधानसभा सीट (Jind Politics) पर कांग्रेस का प्रभाव रहा है। ऐसे में कांग्रेस अब दोबारा से जींद की राजनीतिक जमीन वापस लेने की तैयारी में हैं तो भाजपा पिछले दो चुनाव का परिणाम दोहराने की। डा. हरिचंद मिढ़ा के निधन से खाली हुई सीट पर 2019 में हुए उपचुनाव में डा. कृष्ण मिढ़ा भाजपा के टिकट पर विधायक बने।
जींद में जहां भाजपा (BJP) अपने विकास कार्यों के आधार पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है तो कांग्रेस भाजपा सरकार के दस साल के शासनकाल में विकास नहीं होने की बात कह रही है। हालांकि अभी चुनाव प्रचार शुरू होने के साथ ही पता चलेगा कि दोनों राजनीतिक दल क्या रणनीति अपनाएंगे। जींद विधानसभा सीट पर कुल 201298 मतदाता हैं। इनमें से करीब एक लाख 21 हजार मतदाता शहरी व 80 हजार से अधिक मतदाता ग्रामीण क्षेत्र में हैं।

शहर व गांवों में मतदाता बराबर होने के बावजूद जींद विधानसभा सीट पर कभी भी ग्रामीण क्षेत्र का नेता विधायक नहीं बना है। हालांकि 1987 में लोकदल के टिकट पर परमानंद ग्रामीण पृष्ठभूमि से होते हुए विधायक बने हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के डा. कृष्ण मिढ़ा (MLA Dr Krishan Midha) ने 58,370 मत प्राप्त कर जजपा के महावीर गुप्ता (Mahavir Gupta) को साढ़े 12 हजार मतों से हरा दिया था। इस चुनाव में कांग्रेस के अंशुल सिंगला महज 7958 मत ही प्राप्त कर पाए थे। इस बार महावीर गुप्ता कांग्रेस में हैं और टिकट के लिए भी दावेदारी कर रहे हैं।
Jind Politics : दो दशक तक 50 मीटर के दायरे में रही राजनीतिक चौधर
जींद विधानसभा सीट पर हालांकि कई नेता विधायक बनते रहे, लेकिन दो दशक तक जींद की राजनीति 50 मीटर के दायरे में रही। 1977 से 2005 तक जींद विधानसभा क्षेत्र की राजनीति पूर्व मंत्री बृजमोहन सिंगला व मांगेराम गुप्ता के बीच में रही है। दोनों के मकान स्कीम नंबर पांच-छह में हैं। इनमें महज 50 मीटर का ही अंतर है। हालांकि बीच में 1987 में लोकदल के टिकट पर परमानंद विधानसभा चुनाव जीते थे।
जींद विधानसभा क्षेत्र में अब तक रहे विधायक (MLA who has been in Jind assembly constituency till now)
वर्ष -विधायक-हारे-
1967 -दयाकृष्ण कांग्रेस-इंद्र सिंह आजाद
1968-दयाकृष्ण कांग्रेस-शंकर दास आजाद
1972-दलसिंह कांग्रेस-एस-दयाकृष्ण-कांग्रेस
1977-मांगेराम गुप्ता आजाद- प्रताप सिंह जनता पार्टी
1982-बृजमोहन सिंगला लोकदल-मांगेराम गुप्ता कांग्रेस
1987-परमानंद लोकदल-मांगेराम कांग्रेस
1991-मांगेराम गुप्ता कांग्रेस-टेकराम जनता पार्टी
1996-बृजमोहन सिंगल हविपा- मांगेराम गुप्ता कांग्रेस
2000-मांगेराम गुप्ता कांग्रेस- गुलशन लाल इनेलो

2005- मांगेराम गुप्ता कांग्रेस- सुरेंद्र बरवाला इनेलो
2009-डा. हरिचंद मिढ़ा इनेलो- मांगेराम गुप्ता कांग्रेस
2014-डा. हरिचंद मिढ़ा इनेलो- सुरेंद्र बरवाला भाजपा
2019 उपचुनाव-डा. कृष्ण मिढ़ा भाजपा- दिग्विजय चौटाला जजपा
2019 सामान्य चुनाव- डा. कृष्ण मिढ़ा भाजपा- महावीर गुप्ता जजपा
इनेलो, जजपा व आम आदमी पार्टी के टिकट तय करेंगे समीकरण
बेशक चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच है, लेकिन इनेलो, जजपा व आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भी समीकरण तय करेंगे। इनमें से कुछ दलों की नजर कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने वाले बागी नेताओं पर रहेगी। ऐसे में यह उम्मीदवार किस वर्ग के मतों में कितनी सेंध लगाते हैं इसका चुनाव असर चुनाव परिणाम पर पड़ेगा।