Festival Calendar 2024 करवा चौथ, नवरात्र से दीपावली तक, जानें 2024 के प्रमुख त्योहारों की तारीखें, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

Sonia kundu
6 Min Read

Festival Calendar 2024 भारत में त्योहारों का मौसम गणेश चतुर्थी से शुरू होकर दीपावली तक चलता है। इस दौरान कई महत्वपूर्ण पर्व आते हैं, जिनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस लेख में हम 2024 में आने वाले प्रमुख त्योहारों की तिथियों और उनके धार्मिक महत्व के बारे में जानेंगे।

Festival Calendar 2024 :

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)

तारीख: 8 सितंबर 2024
गणेश चतुर्थी से त्योहारों का सिलसिला शुरू होता है। यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह पर्व विशेष रूप से महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।

 

Festival Calendar 2024 :

पितृ पक्ष (Pitru Paksha)

तारीख: 10 सितंबर 2024 से 24 सितंबर 2024 तक
गणेश चतुर्थी के बाद पितृ पक्ष की शुरुआत होती है, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। इस दौरान हिंदू धर्म में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है। इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।

 

Diwali kab hai, karwa chauth kab hai
Diwali kab hai, karwa chauth kab hai

शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri)

तारीख:3 अक्टूबर 2024 से 11 अक्टूबर 2024 तक
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस पर्व का धार्मिक महत्व अच्छाई की बुराई पर विजय के रूप में देखा जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में भक्त उपवास रखते हैं और देवी के विभिन्न रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं।

 

Festival Calendar 2024
दशहरा (Dussehra)

तारीख: 12 अक्टूबर 2024
दशहरा नवरात्रि के दसवें दिन मनाया जाता है। यह पर्व रावण पर भगवान राम की विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। दशहरा का महत्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

इस दिन रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाने की परंपरा है। आम तौर पर देखा जाता है कि रावण का पुतला सबसे बड़ा होता है और पुतले जलाने के बाद जली हुई लकड़ियों को घर ले जाने की भी कई जगहों पर परंपरा होती है । ऐसे में खासकर बच्चों,बूढ़ों और महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए।

Festival Calendar 2024 :करवा चौथ (Karwa Chauth)

तारीख: 19 अक्टूबर 2024
करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं। यह पर्व मुख्यतः उत्तर भारत में मनाया जाता है।

 

Festival Calendar 2024 : दीपावली (Diwali)

तारीख: 1 नवंबर 2024
दीपावली का पर्व भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे ‘प्रकाश पर्व’ के रूप में भी जाना जाता है। कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पर्व माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व रखता है। दीपावली के दिन घर-घर में दीप जलाकर लक्ष्मी पूजन का विधान होता है। 2024 में दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाएगी।

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali Puja Muhurat)

तिथि: 1 नवंबर 2024
शुभ मुहूर्त: संध्या 5:36 बजे से 6:16 बजे तक
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस समय लक्ष्मी पूजन करना विशेष फलदायी माना जाता है। लक्ष्मी पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और आर्थिक संकट दूर होते हैं।

 

त्योहारों की सारणी (Festival Calendar 2024)

| पर्व का नाम | तिथि | महत्व |
|———————-|——————–|———————————|
| गणेश चतुर्थी | 8 सितंबर 2024 | गणेश जी का जन्मोत्सव |
| पितृ पक्ष | 10 सितंबर – 24 सितंबर 2024 | पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण |
| शारदीय नवरात्रि | 3 अक्टूबर – 11 अक्टूबर 2024 | मां दुर्गा की पूजा |
| दशहरा | 12 अक्टूबर 2024 | बुराई पर अच्छाई की जीत |
| करवा चौथ | 19 अक्टूबर 2024 | सुहागिन महिलाओं का व्रत |
| दीपावली | 1 नवंबर 2024 | प्रकाश पर्व, लक्ष्मी पूजन |

 

Deepawali धार्मिक महत्व और पूजा विधि

भारतीय त्योहारों का धार्मिक महत्व अतुलनीय है। गणेश चतुर्थी से लेकर दीपावली तक, प्रत्येक पर्व का अपना विशिष्ट स्थान और महत्व है। हर त्योहार की पूजा विधि और परंपराएं सदियों पुरानी हैं और समाज में सामूहिकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं।

दीपावली के शुभ अवसर पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा से जहां एक ओर समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है, वहीं दूसरी ओर करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत बनाता है। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है, जबकि नवरात्रि मां दुर्गा की शक्ति का स्मरण कराती है।

 

Festival Calendar 2024 : इन त्योहारों का सही समय पर सही विधि से पालन करना हर हिंदू के लिए महत्वपूर्ण होता है। इससे न केवल आध्यात्मिक संतोष मिलता है, बल्कि परिवार और समाज के बीच सामूहिकता और सांस्कृतिक मूल्यों का भी विकास होता है।

नोट: त्योहारों की तिथियों में परिवर्तन संभव है, कृपया स्थानीय पंचांग या धार्मिक विशेषज्ञ से परामर्श करें।

Web Stories

Share This Article
सुबह-सुबह पीएं दालचीनी की चाय, मिलेंगे ये सारे फायदे लिवर को हेल्दी रखने के लिए क्या खाना चाहिए, ये 5 चीजें है जरुरी खाली पेट अंडा खाने से क्या होता है ? किशमिश का पानी पीने के 5 फायदे सोने से आधा घंटा पहले चबाएं धनिया की पत्तियां, महिनेभर में मिलेंगे 5 कमाल के फायदे।