Asoj Amavasya Haryana Election Effects : क्या आसोज अमावस्या, जिसकी वजह से चुनाव आयोग ने हरियाणा चुनाव की तारीख बदली

Sonia kundu
By Sonia kundu
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Asoj Amavasya Haryana Election Effects : हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख अब 1 अक्टूबर की बजाय 5 अक्टूबर होगी। चुनाव आयोग ने बिश्नोई समुदाय के पर्व और राजनीतिक दलों के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए यह बदलाव किया है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख में बदलाव करते हुए चुनाव आयोग ने शनिवार को घोषणा की कि अब मतदान 1 अक्टूबर की बजाय 5 अक्टूबर को होगा। इस फैसले के पीछे बिश्नोई समुदाय (Bishnoi Samaj) के धार्मिक पर्व और सप्ताहांत की लंबी छुट्टियों को मुख्य कारण बताया गया है।

इसके साथ ही, आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनावों की मतगणना की तारीख को भी 4 अक्टूबर से बढ़ाकर 8 अक्टूबर कर दिया है।

 

Asoj Amavasya Haryana Election Effects आसोज अमावस्या : बिश्नोई समुदाय की परंपरा का सम्मान

चुनाव आयोग ने बताया कि बिश्नोई समुदाय की परंपराओं और मतदान के अधिकार को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। बिश्नोई समाज सदियों से अपने गुरु जम्भेश्वर की याद में “आसोज अमावस्या” के पर्व को मनाता आ रहा है। इस वर्ष यह त्योहार 2 अक्टूबर को पड़ रहा है, जो बिश्नोई समाज के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

 

बीकानेर, राजस्थान में स्थित मुकाम गांव में गुरु जम्भेश्वर ने समाधि ली थी, जिसे अब “मुक्तिधाम” कहा जाता है। यहाँ हर वर्ष फाल्गुन अमावस्या और आसोज अमावस्या पर विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं।

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Asoj Amavasya Haryana Election Effects आसोज अमावस्या के पर्व पर सिरसा, फतेहाबाद और हिसार से हजारों बिश्नोई परिवार राजस्थान की यात्रा करते हैं। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें कहा गया था कि इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन के चलते इन क्षेत्रों के मतदाता चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इसी के मद्देनजर आयोग ने तारीख में बदलाव करने का निर्णय लिया।

Asoj Amavasya Haryana Election Effects : बीजेपी और INLD की मांग पर विचार

तारीख बदलने की मांग न केवल बिश्नोई समुदाय से आई, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) ने भी चुनाव आयोग से इसके लिए आग्रह किया था। दोनों दलों ने तर्क दिया था कि 1 अक्टूबर की तारीख सप्ताहांत, सार्वजनिक छुट्टियों और धार्मिक त्योहारों से टकरा रही है।

हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में बताया कि 28 सितंबर से 3 अक्टूबर तक छुट्टियों की लंबी श्रृंखला के चलते लोग छुट्टियां मनाने जा सकते हैं। इस कारण मतदान प्रतिशत में गिरावट आ सकती है।

उन्होंने बताया कि 28 सितंबर शनिवार और 29 सितंबर रविवार है। इसके बाद 30 सितंबर सोमवार को कार्यदिवस है और 1 अक्टूबर मंगलवार को मतदान होना था। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है, जिसके चलते छह दिनों का लंबा वीकेंड बन रहा था। इस कारण लोग मतदान से बच सकते थे।

लोकसभा चुनाव के बाद निर्वाचन आयोग ने इस बात पर ध्यान दिया था कि गर्मियों में चुनाव और सप्ताहांत में मतदान नहीं कराना चाहिए, क्योंकि इससे मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है।

Asoj Amavasya Haryana Election Effects : चुनाव आयोग का फैसला

इन सभी तर्कों और बिश्नोई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग ने हरियाणा चुनाव की तारीख को 1 अक्टूबर से बदलकर 5 अक्टूबर कर दिया है। इसके साथ ही, मतगणना की तारीख भी 4 अक्टूबर से बढ़ाकर 8 अक्टूबर कर दी गई है।

चुनाव आयोग के इस निर्णय का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना और समुदायों की धार्मिक परंपराओं का सम्मान करना है।

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर अब 5 अक्टूबर को मतदान होगा और चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। इस बदलाव से हरियाणा के नागरिकों को न केवल अपने धार्मिक पर्व मनाने का अवसर मिलेगा, बल्कि वे अपने लोकतांत्रिक अधिकार का भी पूरा लाभ उठा सकेंगे।

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