Jind Election Update : जींद उपचुनाव में विश्वास बना तो तीसरी बार टिकट लेने में सफल रहे डा. कृष्ण मिढ़ा, उचाना ने बनाए नए समीकरण, सफीदों में 2 नेताओं को जोड़ना चुनौती, देखें विशलेषण

Jind Election Update : जींद : भाजपा ने जिला की पांच में से तीन विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनमें जींद से वर्तमान विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा को प्रत्याशी बनाया गया है। डा. मिढ़ा 2019 के उपचुनाव में भाजपा में आए थे। उन्होंने कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला व जजपा के दिग्विजय चौटाला जैसे चेहरों को हरा कर चुनाव जीता।

इसके बाद सामान्य चुनाव में उन्होंने जजपा के महावीर गुप्ता को चुनाव हरा दिया। ऐसे में वे इसी विश्वास के सहारे तीसरी बार भी टिकट लेने में कामयाब रहे। हालांकि उनको पार्टी में टिकट के लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं रही। हालांकि सफीदों में रामकुमार गौतम (Ramkumar Gautam) को टिकट मिलने के बाद भाजपा के दो नेता विरोध जता चुके हैं। जींद में कांग्रेस पिछले 19 साल से चुनाव जीतने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन लगातार स्थिति खराब हो रही है।

पिछले चुनाव में जजपा से चुनाव लड़ने वाले महावीर गुप्ता को (Jind Election Update) करीब 47 हजार मत मिले थे। अब गुप्ता कांग्रेस में हैं और टिकट के लिए उनके साथ 48 नेताओं ने आवेदन किया है। कांग्रेस को भी टिकट मिलने के बाद बगावत का डर सता रहा है। हालांकि इससे पहले ही पार्टी इसको रोकने का प्रयास कर रही है। इसके बावजूद कुछ नेता खुले तौर पर चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। इसका चुनाव परिणाम पर असर पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर भाजपा के डा. मिढ़ा के मुकाबले टिकट के लिए चार-पांच नेता प्रयास कर रहे, लेकिन टिकट मिलने के साथ ही उन्होंने पार्टी के लिए काम करने की घोषणा कर दी है।

वहीं उचाना सीट (Uchana Seat BJP) पर भाजपा ने नए चेहरे देवेंद्र अत्री को चुनाव में उतार कर नए समीकरण बना दिए हैं। इसका चुनाव परिणाम पर क्या असर रहेगा, लेकिन भाजपा ने जातीय समीकरण बनाकर उचाना में मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है। उचाना से फिलहाल जजपा के दुष्यंत चौटाला विधायक हैं और उन्होंने इस चुनाव के लिए भी नामांकन कर दिया है। वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया (Jind Election Update )जाना लगभग तय है।

हालांकि इस बार बीरेंद्र सिंह (Birender Singh) परिवार को विरेंद्र घोघड़ियां व बलराम कटवाल जैसे नेता टक्कर दे रहे हैं। विरेंद्र घोघड़ियां उचाना मार्केट कमेटी के चेयरमैन रह चुके हैं। वहीं बलराम कटवाल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। पिछले चुनाव में बीरेंद्र सिंह परिवार भाजपा में था, ऐसे में कांग्रेस ने कटवाल को ही उम्मीदवार बनाया। हालांकि वे खास प्रदर्शन नहीं कर पाए और उन्हें 4972 मत मिले।

इस बार बीरेंद्र सिंह परिवार कांग्रेस में है तो उनकी दावेदार मजबूत मानी जा रही है। ऐसा होने पर कांग्रेस के कई नेता बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस को यहां अपनों के ही विरोध का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में भाजपा के देवेंद्र अत्री त्रिकोणीय मुकाबले में आने की संभावना है।

सफीदों में नेताओं का मन मिलाना चुनौती (Jind Election Update )
बशेक लोकसभा चुनाव के परिणाम से भाजपा उत्साहित है, लेकिन यहां से नारनौंद के पूर्व विधायक रामकुमार गौतम को टिकट दिया गया है। रामकुमार गौतम 2005 में नारनौंद से भाजपा के टिकट पर विधायक बन चुके हैं, लेकिन 2019 में उन्होंने जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ कर जीत दर्ज की। अब उन्हें भाजपा ने सफीदों से टिकट दिया है। हालांकि सफीदों से टिकट के बाद दो बड़े नेता जसबीर देशवाल व बचन सिंह आर्य विरोध कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन यहां भाजपा का संगठन मजबूत है।

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजू मोर (Raju Moar) व अमरपाल राणा सफीदों विधानसभा (Jind Election Update ) क्षेत्र से ही आते हैं। इसके अलावा कान्फेड के चेयरमैन कर्मवीर सैनी, गोसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग, एचएसएससी के पूर्व सदस्य एडवोकेट विजयपाल सिंह, एचपीएससी के सदस्य आनंद शर्मा जैसे लोग हैं। ऐसे में बगावत के बावजूद यहां भाजपा को कम नहीं आंका जा सकता। वहीं कांग्रेस द्वारा वर्तमान विधायक सुभाष गांगोली को ही उम्मीदवार बनाने की संभावना है।

सुभाष गांगोली देशवाल गौत्र से आते हैं और भाजपा से बागी होकर पूर्व विधायक जसबीर देशवाल पहले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में उनके वोट में बिखराव हो सकता है।

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