Jind Election : जींद में विधानसभा चुनाव दिन प्रतिदिन राेमांचक होते जा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करते हुए बाकी नेताओं ने बगावत शुरू कर दी है। कुछ नेता तो पार्टी भी बदल गए हैं तो कुछ फेसबुक और इंस्टाग्राम, एक्स हैंडल पर अपना दर्द बयां कर रहे हैं। आइए हम बताते हैं कि जींद की पांचों विधानसभा में कहां-कहां किस ने पार्टी छोड़ दी और किसने निर्दलीय लड़ने का फैसला लिया है।
Jind Election : जींद की राजनीति में क्या चल रहा है जानिए
नरवाना में भाजपा की टिकट कृष्ण बेदी (Narwana BJP Candidates) को मिली तो यहां से दावेदार संतोष दनौदा (Santosh Danoda) ने जजपा का दामन थाम लिया और अब वह जजपा की टिकट पर नरवाना से टिकट लड़ेंगी। इसी तरह कांग्रेस की टिकट सतबीर दबलैन (Narwana congress Candidate) के खाते में गई तो प्रबल दावेदार विद्या रानी दनौदा (Vidha Rani Danoda) ने भी पाला बदलते हुए इनेलो में शामिल होने का फैसला लिया। अब विद्या रानी दनौदा को इनेलो ने नरवाना से अपना उम्मीदवारा घोषित कर दिया है।
नरवाना से ही पूर्व विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा (Ex MLA Ramniwas surjakhera) ने जजपा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया था लेकिन इसी मौके पर उनका एक पुराना केस सामने आ गया और उनके खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज हो गया, इससे रामनिवास सुरजाखेड़ा की भाजपा में एंट्री पर फुल स्टाप लग गया। अब रामनिवास फिर से निर्दलीय मैदान में उतरे हैं।
जींद में कांग्रेस की टिकट महावीर गुप्ता (Jind Congress candidate mahavir Gupta) के खाते में गई तो यहां से प्रबल दावेदार बलजीत रेढू, रघबीर भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया है। रघबीर भारद्वाज ने लिखा है कि एक बार फिर से राजघराने की जीत हुई और कार्यकर्ता की हार हुई। समाज सेवी बलजीत रेढू ने लिखा है कि एक बार फिर से जातीवाद से आगे सेवानीति की हार हुई है। लेकिन मुझे गर्व है कि मैं जाट हूं।
जुलाना में कांग्रेस की टिकट विनेश फोगाट (Julana Candidate Vinesh Phogat) को मिलने के बाद कुछ वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर बगावत तो नहीं की है लेकिन अंदरखाने उधेड़बुन चल रही है। यहां पर भाजपा की टिकट पर सुरेंद्र लाठर को दावेदार माना जा रहा था लेकिन सुरेंद्र लाठर की टिकट कटी तो उन्होंने तुरंत इनेलो का दामन था लिया और अब वह इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
उचाना में टिकट के दावेदारों की फेहरिस्त काफी लंबी थी और सर्वे में विरेंद्र घोघड़ियां (Virender Ghogrian) का नाम सबसे ऊपर था लेकिन उचाना की टिकट पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को मिली। इसके बाद प्रबल दावेदार विरेंद्र घोघड़ियां तथा दिलबाग संडील व आजाद पालवां ने निर्दलीय लड़ने के लिए नामांकन भरा है।
सफीदों से भी भाजपा के कई दावेदार थे लेकिन टिकट रामकुमार गौतम को मिली तो बचन सिंह आर्य व जसबीर देशवाल ने खुलकर बगावत की। दोनों ने निर्दलीय लड़ने के लिए नामांकन दाखिल करवा दिया है। अब देखना यह होगा कि ऊंट किस कवरट बैठेगा।
क्या कहती है जनता
जींद विधानसभा की जनता की बात करें तो यहां तीन सीट कांग्रेस के खाते में क्लीयर जाती दिख रही हैं तो वहीं दो सीट पर कुछ भी हो सकता है। जैसे-जैसे चुनावी तारीख नजदीक आ रही है, उम्मीदवारों की दिल की धड़कन बढ़ती जा रही हैं।