Pesticides NBS Subsidy Scheme: अब किसानों को मिलेगा सस्ता और रियायती उर्वरक! 2024-25 के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों पर सब्सिडी योजना को मंजूरी

Anita Khatkar
By Anita Khatkar
Pesticides NBS Subsidy Scheme: अब किसानों को मिलेगा सस्ता और रियायती उर्वरक! 2024-25 के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों पर सब्सिडी योजना को मंजूरी
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Pesticides NBS Subsidy Scheme:: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी फसल सत्र 2024-25 के लिए किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है। रबी सीजन, जो 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक चलेगा, इसके दौरान फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पी एंड के) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस सब्सिडी योजना के तहत, किसानों को रियायती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए सरकार लगभग 24,475.53 करोड़ रुपये का परिव्यय करेगी।

Pesticides NBS Subsidy Scheme:किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

इस निर्णय से देश के लाखों किसानों को फायदा होगा। उर्वरक की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद, सरकार ने सुनिश्चित किया है कि किसानों को सस्ते और किफायती दरों पर उर्वरक मिले। फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों की उपलब्धता बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की कीमतों में बदलाव को देखते हुए इस योजना को लागू किया गया है। इससे किसानों की उत्पादन लागत कम होगी और वे अपने खेतों में बेहतर फसल उत्पादन कर सकेंगे।

Pesticides NBS Subsidy Scheme: रबी फसल सत्र के लिए रणनीतिक तैयारी

रबी फसल सत्र 2024-25 के लिए सरकार ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। इस योजना के तहत, उर्वरक कंपनियों को सब्सिडी की रकम सीधे दी जाएगी, जिससे वे किसानों को सस्ती दरों पर फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरक उपलब्ध करा सकेंगी। इस पहल के जरिए किसानों को आसानी से उचित और रियायती दरों पर उर्वरक प्राप्त होंगे, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।

Pesticides NBS Subsidy Scheme: सरकार की किसान हितैषी नीति

उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना (NBS) 1 अप्रैल 2010 से लागू है और इसका उद्देश्य किसानों को 28 ग्रेड के फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरक सस्ती दरों पर उपलब्ध कराना है। सरकार की यह Pesticides NBS Subsidy Scheme, किसानों के हित में है, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों से प्रभावित हुए बिना उर्वरक खरीद सकें।

कुल मिलाकर, इस कदम से देश के किसानों को राहत मिलेगी और उनकी कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। सरकार की यह नीति कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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