Pulse Stock Update: केंद्र सरकार द्वारा दलहनों पर लागू की गई स्टॉक सीमा की मियाद समाप्त होने जा रही है, जिससे व्यापारियों और किसानों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है। सरकार ने 21 जून को चना और तुवर पर भंडारण सीमा लागू की थी, जो 30 सितंबर तक प्रभावी रही। अब तक इसे आगे बढ़ाने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि 30 सितंबर के बाद Pulse stock limit समाप्त हो सकती है।
Pulse Stock Update: कीमतों में स्थिरता और नई फसल की आवक
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, देश के विभिन्न बाजारों में दाल-दलहनों की कीमतों में स्थिरता आई है। यहां तक कि हाल के दिनों में इनकी कीमतों में मामूली गिरावट भी दर्ज की गई है। अगले महीने से खरीफ सीजन की उड़द और मूंग की नई फसल बाजार में आने की उम्मीद है, जिससे आपूर्ति में और सुधार होगा। इसके साथ ही, तुवर, उड़द, मसूर, पीली मटर, और चने का शुल्क मुक्त आयात तेजी से हो रहा है, जिससे देश के भीतर इनकी उपलब्धता बढ़ने के आसार हैं।
Pulse Stock Update: स्वदेशी उद्योग और किसानों को फायदा
विशेषज्ञों का मानना है कि स्टॉक सीमा समाप्त होने से स्वदेशी व्यापारियों और मिलर्स की बाजार में भागीदारी बढ़ेगी, जिससे किसानों को सीधे तौर पर फायदा होगा। यदि यह सीमा नहीं हटाई गई, तो किसानों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि वे अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं पा सकेंगे। तुवर का मुख्य उत्पादन खरीफ सीजन में होता है, जबकि चना और मसूर रबी सीजन की प्रमुख फसलें हैं। तुवर की नई फसल दिसंबर-जनवरी में बाजार में आएगी, वहीं चने की नई फसल ऑस्ट्रेलिया से अगले महीने से आने की उम्मीद है।
Pulse Import Export Update: आयात और घरेलू आपूर्ति में सुधार
अफ्रीकी देशों से तुवर का आयात शुरू हो चुका है, जबकि म्यांमार से उड़द और कनाडा से मसूर और पीली मटर का निरंतर आयात हो रहा है। रूस से भी पीली मटर की खेप आ रही है, जिससे घरेलू बाजार में आपूर्ति सुधरने के संकेत हैं। हालांकि, उड़द की बुवाई में इस साल थोड़ी कमी दर्ज की गई है, फिर भी मूंग और तुवर की बुआई के रकबे में वृद्धि हुई है, जिससे आने वाले दिनों में घरेलू आपूर्ति और मजबूत होने की उम्मीद है।
Pulse Stock Update: स्टॉक सीमा हटने पर त्योहारों में स्थिरता
उद्योग जगत के मुताबिक, अगर स्टॉक सीमा की अवधि नहीं बढ़ाई गई, तो स्वदेशी उद्योग को मजबूती मिलेगी और दाल-दलहनों की कीमतों में त्योहारी सीजन के दौरान स्थिरता बनी रहेगी। यह कदम व्यापारियों के साथ-साथ उपभोक्ताओं के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
व्यापारियों और किसानों को अब केंद्र सरकार के अंतिम फैसले का इंतजार है, जिससे बाजार की दिशा तय होगी।