Kisan andolan : हरियाणा और पंजाब के दातासिंहवाला-खनौरी बार्डर पर एक किसान ने फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मृतक किसान पंजाब के मानसा के गुरमीत सिंह के रूप में हुई है। गुरमीत सिंह पहले दिन से ही बार्डर पर डटा हुआ था और किसान आंदोलन के दौरान काफी सक्रिय रहा था। बताया जा रहा है कि पिछले कई माह से गुरमीत बार्डर पर ही डटा हुआ था।
मिली जानकारी के अनुसार गुरमीत सिंह भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर से जुड़ा हुआ था। उसने सुसाइड उस समय किया, जब अन्य किसान वहां नहीं थे। उसने आज सुबह करीब पौने 10 बजे गांव मल्लां ब्लॉक डोडा श्रीमुक्तसर साहिब के टेंट में जाकर सुसाइड किया। जब किसान लौटकर आए तो गुरमीत ने फांसी लगाई थी। उसने रस्सी को ट्रॉली से बांधा था, और उसी में अपनी गर्दन फंसाकर लेटा हुआ था।
आंदोलन से जुडे़ किसानों ने बताया है कि किसान गुरमीत इस आंदोलन को लेकर काफी गंभीर था। वह बहुत कम घर जाता था। उसके सिर पर कर्ज भी था। इस वजह से वह परेशान था। कुछ समय पहले उसके बेटे की शादी थी। उसमें शामिल होने के लिए भी वह नहीं गया था। मोर्चे पर वह लाइट की व्यवस्था देखता था।
Kisan andolan 3.0 : डल्लेवाल बोले- संघर्ष को समर्पित था किसान
इस मामले में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ‘मुझे सूचना मिली है कि किसान ने सुसाइड किया है। मैं चंडीगढ़ आया हुआ था। अब मौके पर जा रहा हूं। यह किसान संघर्ष को लेकर काफी समर्पित था। सारे धरना स्थल पर बिजली का सारा काम वही देखता था। कुछ महीने पहले इसके बेटे की शादी थी। उस समय इसने यह कहकर जाने से मना कर दिया था कि इन दिनों लाइट की दिक्कत रहती है। ऐसे में अगर लाइट में खराबी आती है तो किसानों को दिक्कत आएगी। इसके बाद उसके परिवार वाले बेटे की शादी उसके बिना ही कर आए थे।
साथ ही बाद में परिवार मोर्चे पर भी आया था। उसका परिवार 7-8 दिन वहां रहकर गया था। किसानों पर कर्ज तो रहता ही है। यह तो जाकर ही पता चलेगा। मैं परसों जब मोर्चे से जा रहा था, उस समय वह मिला था। वह पूछ रहा था कि प्रधान जी सरकार कब तक अपनी मांगे मानेगी?’
Kisan andolan 3.0 : फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।
किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।