CRSU Vigilance investigation : जींद : चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में साल 2021 में डेपुटेशन पर हुई नियुक्तियों में के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो महानिदेशक ने उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को ई मेल भेजकर मुख्य सतर्कता अधिकारी से प्राथमिक जांच करवाने के लिए कहा है। न्यू कृष्णा कालोनी निवासी पूनम ने इस मामले में 16 अप्रैल को डीजी एंटी करप्शन ब्यूरो, राज्यपाल और उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को शिकायत भेजी थी।
नौ सितंबर को इसका रिमाइंडर भेजा था। भेजी शिकायत में पूनम ने आरोप लगाया था कि रजिस्ट्रार ने सक्षम (CRSU Vigilance investigation)ना होते हुए भी नियुक्तियों के साक्षात्कार के बाद बंद किए हुए लिफाफों को खोला और डेपुटेशन पर नियुक्ति पत्र जारी किए। उस समय हरियाणा सरकार ने चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। इसके बावजूद विश्वविद्यालय के तत्कालीन प्रशासन ने विभिन्न विश्वविद्यालयों में डेपुटेशन के लिए विभिन्न पदों पर आमंत्रण भेजा। तब उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा इन नियुक्तियों को उसी समय रोक देने का पत्र जारी किया।
जिसके जवाब में विश्वविद्यालय प्रशासन ने उच्चतर शिक्षा विभाग को लिखा कि यह एक अस्थाई प्रबंध है। लेकिन डेपुटेशन पर बुलाए लोगों में से कंवल वीर जुनेजा और सुरेंद्र खर्ब को पिछले दरवाजे से स्थाई नियुक्ति दे दी गई। सहायक के पद के लिए 30 शब्द प्रति मिनट की टाइपिंग स्पीड और पांच वर्ष का क्लर्क का अनुभव अनिवार्य था। किसी भी व्यक्ति का टाइपिंग (CRSU Vigilance investigation) टेस्ट नहीं लिया गया। सतेंद्र कौर, रमन कुमार स्टैनो टाइपिस्ट के पद पर कार्यरत थे। परंतु उन्हें योग्यता को दरकिनार करते हुए सहायक के पद पर नियुक्त कर दिया गया।
जिससे कि उन्हें बढ़ा हुआ वेतन देना पड़ा और विश्वविद्यालय को वित्तीय नुकसान सहना पड़ा। सुरेंद्र खर्ब सांख्यिकी सहायक के पद पर कार्यरत थे। छंटनी कमेटी ने साक्षात्कार के दौरान उन्हें विस्तृत अनुभव प्रमाण पत्र के दिखाने के बाद योग्य घोषित करने की शर्त रखी थी। लेकिन वह पत्र जमा करवाए बिना उन्हें सहायक के पद पर पहले डेपुटेशन पर रखा गया। बाद में स्थाई रूप से नियुक्त कर दिया गया।
इन नियुक्तियों में आरक्षण नीति का भी उल्लंघन किया गया। आरक्षण नीति के अनुसार हर चौथा अनुसूचित श्रेणी के लिए होता है। परंतु कंवल वीर जुनेजा को यह पद (CRSU Vigilance investigation) दिया गया, जोकि सामान्य श्रेणी से हैं।
मेरे कार्यकाल से पहले का है मामला : वीसी
वीसी डा. रणपाल सिंह ने बताया कि ये मामला उनके चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में कार्यभार संभालने से लगभग एक साल पहले का है। शिकायतकर्ता की तरफ (CRSU Vigilance investigation) से इस मामले में ईमेल के माध्यम से सूचित किया गया है। उच्चतर शिक्षा विभाग की तरफ से पत्र अभी नहीं मिला है, हो सकता है, अगले कुछ दिन में आ जाए।
कोई जांच आएगी, तो जवाब दिया जाएगा : रजिस्ट्रार
रजिस्ट्रार प्रो. लवलीन मोहन ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय में डेपुटेशन पर स्टाफ रखना सामान्य प्रक्रिया है। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में स्टाफ की कमी है। ये दोनों कर्मचारी अनुभवी हैं। डेपुटेशन पर स्टाफ रखने की ये प्रक्रिया उनके यहां कार्यभार संभालने से पहले की है। अगर कोई जांच आएगी, तो उसका जवाब दिया जाएगा। कुछ गलत नहीं किया गया है।