TB Haryana: केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी (तपेदिक) को खत्म करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन मौजूदा स्थिति चिंता बढ़ाने वाली है। पिछले दो महीनों में ही हरियाणा में टीबी के 51,937 नए मामले सामने आए हैं। TB के तेजी से फैलने का मुख्य कारण अब वायरस से ज्यादा मरीजों की कमजोर इम्युनिटी है, जो रोग को रोकने में सबसे बड़ी बाधा बन रही है।
सरकार ने भारत मुक्त टीबी अभियान चलाया हुआ है, जिसके तहत मरीजों को इलाज, दवाइयां और काउंसलिंग उपलब्ध कराई जा रही है। इसके बावजूद, टीबी के मामलों में कमी नहीं आ रही है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में फरीदाबाद सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 6,606 नए मरीज मिले हैं, जबकि चरखी दादरी में सबसे कम 664 केस दर्ज हुए हैं।
TB Haryana: कमजोर इम्युनिटी बनी बड़ी वजह
टीबी के मरीजों की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण इम्युनिटी कमजोर होना है, विशेषकर लो-क्लास क्षेत्रों में। पिछले तीन सालों से नए मामलों का औसत बना हुआ है, और इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से यह आंकड़ा अब 30 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार, इम्युनिटी वीक होने से मरीज टीबी की चपेट में आ रहे हैं, जिससे रोकथाम के प्रयासों में भी कठिनाई हो रही है।
TB Haryana: स्वास्थ्य विभाग का प्रयास
स्वास्थ्य विभाग ने टीबी को खत्म करने के लिए पूरे प्रदेश में जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं। PGIMS रोहतक सहित विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों की टीमें लगातार मरीजों की जांच कर रही हैं।
हालांकि, डॉ. तरुण, रेस्पिरेटरी विभाग, पीजीआईएमएस के अनुसार, इम्युनिटी मजबूत करने के साथ-साथ लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है, ताकि 2025 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
TB Haryana: मुख्य जिलों में मरीजों की संख्या (अगस्त-सितंबर 2024)
फरीदाबाद: 6,606
गुरुग्राम: 4,843
पानीपत: 3,943
यमुनानगर: 2,134
झज्जर: 1,690
रोहतक: 2,462
जींद: 1,909
सोनीपत: 2,841
कुरुक्षेत्र: 1,328
अम्बाला: 1,394
भिवानी: 1,591
महेंद्रगढ़: 1,304
नूह: 2,566
पलवल: 1,786
फतेहाबाद: 1,679
पंचकूला: 1,236
रेवाड़ी: 2,113
सिरसा: 1,827
कैथल: 1,599
करनाल: 2,961
TB के खिलाफ इस जंग में सशक्त इम्युनिटी और जागरूकता जरूरी है। सरकार के प्रयासों के बावजूद, लोगों की सक्रिय भागीदारी से ही इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। 2025 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य तभी संभव है जब हम सभी मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं।