Air Pollution : गुरुग्राम: दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर इस समय अभूतपूर्व तरीके से बढ़ चुका है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के पास पहुंच चुका है, जबकि कई इलाके ऐसे हैं, जहां यह 600 के पार भी दर्ज किया गया है। चारों ओर फैली धुंध और जलती आंखों के बीच सांस लेना एक बड़ा चुनौती बन चुका है।
गुरुग्राम के श्मशान घाट पर सबसे शुद्ध हवा
दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर के बीच गुरुग्राम के श्मशान घाट पर एक अजीबोगरीब स्थिति सामने आई है। यहां का AQI मात्र 83 मापा गया, जो बाकी शहरों के मुकाबले बेहद कम है। यह आंकड़ा सबको हैरान कर रहा है, क्योंकि आमतौर पर श्मशान घाटों में जलती चिताओं से हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। लेकिन गुरुग्राम का श्मशान घाट प्रदूषण के इस संकट में भी शुद्ध हवा देने के लिए सबसे आगे है।
दिल्ली में स्थिति बेहद खराब
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक बन चुकी है। शहर का औसत AQI 450 से ऊपर है, जबकि कई इलाके जैसे आनंद विहार (591), अशोक विहार (634), जीटीबी नगर (617) और द्वारका सेक्टर 11 (521) में यह 600 के पार जा चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्तर है। इस गंभीर स्थिति ने शहरवासियों की सांसें कस दी हैं।
दिल्ली सरकार ने किया GRAP-4 लागू, वाहनों पर प्रतिबंध
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया है। इसके तहत कई श्रेणियों के वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और निर्माण कार्यों को भी रोक दिया गया है। इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी।
स्वास्थ्य पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय प्रदूषण का स्तर बच्चों, बुजुर्गों और सांस से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद खतरनाक है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे केवल अत्यधिक आवश्यकता होने पर ही बाहर निकलें और मास्क का उपयोग जरूर करें।
प्रदूषण कम करने के उपाय
प्रदूषण से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा पानी का छिड़काव और स्मॉग गन का उपयोग बढ़ाया गया है। इसके साथ ही, कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए वाहनों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। नागरिकों को सार्वजनिक परिवहन का अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति ने यह साफ कर दिया है कि स्थायी उपायों की आवश्यकता है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए ताकि लोगों की सेहत को बचाया जा सके और वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।