Anshu malik wrestler : भारतीय महिला पहलवान अंशु मलिक का पेरिस ओलंपिक 2024 में पदक जीतने का सपना प्री क्वार्टर फाइनल में ही खत्म हो गया। मात्र 23 साल की उम्र में अंशु ने अपने कुश्ती करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन ओलंपिक में उन्हें वह सफलता नहीं मिल सकी जिसकी उन्होंने अपने पिता से 12 साल पहले वादा किया था।
wrestler anshu malik : पिता से किया वादा और टूटता सपना
अंशु मलिक ने 2012 में कुश्ती की शुरुआत की थी और तभी से उन्होंने अपने पिता से 2024 ओलंपिक में पदक जीतने का वादा किया था। पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 57 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में अंशु ने भारत का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन उनका सफर प्री क्वार्टर फाइनल में ही समाप्त हो गया। वह तीन बार की विश्व चैंपियन और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता, अमेरिकी पहलवान हेलेन लुसी मैरोयूलिस से 2-7 के अंतर से हार गईं।
wrestler anshu malik : अंशु मालिक का ब्रेक का ऐलान, नज़रें 2028 ओलंपिक पर
पेरिस ओलंपिक की हार के बाद अंशु ने अपनी भावनात्मक स्थिति के बारे में खुलकर बात की और इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए कुश्ती से कुछ समय का ब्रेक लेने की घोषणा की। अंशु ने कहा, “यह हार स्वीकार करना मुश्किल है, लेकिन खेल में हार-जीत लगी रहती है। मुझे कुश्ती से प्यार है और अब मैं 2028 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक के लिए तैयारी करूंगी।”
wrestling anshu malik का अनुभव और उपलब्धियां :
अंशु मलिक न केवल एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता हैं, बल्कि उन्होंने विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक भी जीते हैं। हालाँकि, ओलंपिक में उनका प्रदर्शन उनके खुद के और देश के उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा।
wrestling anshu malik: आगे की योजना और तैयारी
अंशु ने कहा, “मैं शारीरिक और भावनात्मक रूप से फिट होने के लिए एक छोटा ब्रेक ले रही हूं। इस दौरान मैं यह देखूंगी कि मुझे कहां बदलाव की जरूरत है।” उन्होंने आगे कहा कि वह पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होकर वापसी करेंगी और अगले ओलंपिक के लिए खुद को तैयार करेंगी।
अंशु मलिक की कहानी भारतीय कुश्ती के उन तमाम पहलवानों की कहानी है, जिन्होंने कठिन परिश्रम किया लेकिन ओलंपिक में सफलता की राह में ठोकर खाई। हालांकि, यह उनकी अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत है। अंशु अब 2028 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करेंगी।