CRSU Jind: जींद: चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (CRSU) के तीसरे कुलपति डॉ. रणपाल सिंह अपने कार्यकाल के दौरान स्थाई भर्तियां पूरी नहीं कर पाए। उन्होंने करीब ढाई साल के कार्यकाल में स्थाई भर्तियों के लिए कई प्रयास किए थे और लगभग 70 पदों के लिए आवेदन भी मांगे गए थे। सितंबर और अक्टूबर में अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया भी गया था, लेकिन भर्तियों पर सरकार की तरफ से लगी रोक ने इस प्रक्रिया को बीच में ही रोक दिया।
डॉ. रणपाल सिंह का कार्यकाल जून 2025 में समाप्त होना था, लेकिन इससे पहले ही शनिवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इससे पहले, विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपतियों, मेजर जनरल डॉ. रणजीत सिंह और प्रो. आरबी सोलंकी के समय भी स्थाई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन विवादों के कारण वह भी पूरी नहीं हो पाई। प्रो. आरबी सोलंकी के कार्यकाल में कुछ पदों पर स्थाई नियुक्तियां हुई थीं, लेकिन विवाद के चलते सरकार ने विजिलेंस जांच का आदेश दिया था, जिसके बाद भर्तियों पर रोक लग गई थी।
इसके बाद, डॉ. रणपाल सिंह के कार्यकाल में भर्तियों पर लगी रोक हटाई गई थी और उन्होंने प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि, तकनीकी कारणों और अन्य अड़चनों के कारण यह प्रक्रिया कभी पूरी नहीं हो पाई। अक्टूबर में उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा भर्तियों पर पुनः रोक लगा दी गई। अब सभी की नजरें भर्तियों पर लगी रोक हटने पर हैं।
रजिस्ट्रार प्रोफेसर लवलीन मोहन ने बताया कि विश्वविद्यालय में भर्तियों पर रोक लगी हुई है और यह एक राज्य सरकार का मामला है। उन्होंने कहा कि अभी तक भर्तियों पर रोक हटने का कोई आधिकारिक पत्र जारी नहीं हुआ है।
याद दिलाते चलें कि चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय की स्थापना हुए 10 साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन इसके बाद भी स्थाई भर्तियां नहीं हो पाई हैं। विश्वविद्यालय में 100 स्वीकृत टीचिंग पद हैं, जिनमें से केवल 19 पदों पर ही स्थाई स्टाफ है। बाकी के पदों पर अनुबंध पर काम चलाया जा रहा है।
इस स्थिति ने विश्वविद्यालय में स्थाई भर्तियों के प्रति अनिश्चितता और असंतोष पैदा कर दिया है।