Gold: नई दिल्ली: देश में सोने की ज्वैलरी की शुद्धता सुनिश्चित करने और ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए सरकार ने हॉलमार्किंग का दायरा और बढ़ा दिया है। अब 18 और जिलों में बिना हॉलमार्किंग वाले गहने बेचना प्रतिबंधित होगा, जिसके बाद यह नियम देश के 361 जिलों में पूरी तरह अनिवार्य हो गया है। इस नए नियम का उद्देश्य ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले गहने उपलब्ध कराना और बाजार में मिलावट को रोकना है।
23 जून 2021 से लागू हुआ था हॉलमार्किंग का नियम
भारत में Gold की शुद्धता को सुनिश्चित करने के लिए हॉलमार्किंग का नियम 23 जून 2021 को लागू किया गया था। तब से अब तक करीब 40 करोड़ सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग की जा चुकी है। सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से लागू कर रही है, और अब यह नियम देश के 361 जिलों में पूरी तरह अनिवार्य हो गया है।
किन राज्यों में लागू हुआ नया नियम?
नए 18 जिले जहां यह नियम लागू हुआ है, वे निम्नलिखित राज्यों में स्थित हैं:
आंध्र प्रदेश
बिहार
हरियाणा
हिमाचल प्रदेश
केरल
ओडिशा
पुडुचेरी
राजस्थान
तमिलनाडु
उत्तर प्रदेश
उत्तराखंड
रजिस्टर ज्वैलर्स और हॉलमार्किंग केंद्रों में बढ़ोतरी
सरकार के इस कदम से रजिस्टर ज्वैलर्स और हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ है:
रजिस्टर ज्वैलर्स: 34,647 से बढ़कर 1,94,039 हो गए हैं।
हॉलमार्किंग केंद्र: 945 से बढ़कर 1,622 हो गए हैं।
ग्राहक कैसे करें हॉलमार्किंग की जांच?
अगर किसी ग्राहक को गहनों की हॉलमार्किंग को लेकर संदेह है, तो वह BIS केयर मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकता है। इस ऐप के जरिए ग्राहक:
1. हॉलमार्किंग की प्रामाणिकता की जांच कर सकते हैं।
2. गहनों से जुड़ी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
सरकार का उद्देश्य
इस कदम का मुख्य उद्देश्य:
ग्राहकों को मिलावटी गहनों से बचाना।
ज्वैलर्स को जिम्मेदार व्यवसाय के लिए प्रेरित करना।
सोने की विश्वसनीयता और गुणवत्ता में सुधार करना।
हॉलमार्किंग का बढ़ता दायरा गोल्ड के बाजार में ग्राहकों का विश्वास बढ़ाएगा और उन्हें गुणवत्तापूर्ण गहने सुनिश्चित करेगा।