Bsnl D2D: भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने हाल ही में अपना नया Logo और स्लोगन पेश किया है। इसके साथ ही सरकारी टेलीकॉम कंपनी ने 7 नई सेवाओं की शुरुआत की है, जिनमें से एक बेहद खास सेवा है- D2D (डायरेक्ट-टू-डिवाइस) तकनीक। इस तकनीक की खासियत यह है कि इसमें बिना किसी सिम कार्ड और मोबाइल नेटवर्क के कॉल की जा सकेगी।
क्या है Bsnl D2D तकनीक?
D2D तकनीक BSNL की नई सेवा है जो स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच और अन्य गैजेट्स को सैटेलाइट के जरिए कनेक्ट करती है। इसका मतलब है कि इस तकनीक के लिए मोबाइल टॉवर या पारंपरिक नेटवर्क की ज़रूरत नहीं होती। BSNL ने इस सेवा के लिए वायसैट कंपनी के साथ साझेदारी की है। हाल ही में इस टेक्नोलॉजी का सफल ट्रायल भी किया गया, जिसमें बिना सिम कार्ड के सीधे मोबाइल डिवाइस पर ऑडियो और वीडियो कॉल की गई।
Bsnl D2D टेक्नोलॉजी का लाभ
BSNL ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के दौरान इस तकनीक का सफल परीक्षण किया, जिसमें 36,000 किलोमीटर दूर सैटेलाइट नेटवर्क के माध्यम से कॉल किया गया। यह सेवा विशेषकर आपातकालीन स्थितियों में बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। प्राकृतिक आपदा या ऐसी जगहों पर जहां नेटवर्क नहीं पहुंचता, वहां भी D2D तकनीक के जरिए संपर्क साधा जा सकेगा। इस D2D टेक्नोलॉजी से आपात स्थिति में मदद पहुंचाना और फंसे हुए लोगों को बचाना आसान हो जाएगा।
Jio, Airtel भी इस दौड़ में
BSNL के साथ ही रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया भी सैटेलाइट कनेक्टिविटी सर्विस पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक और अमेजन भी भारत में सैटेलाइट सेवा देने के लिए आवेदन कर चुके हैं। हालाँकि, इन दोनों कंपनियों को अभी भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) से मंजूरी नहीं मिली है।
सैटेलाइट कनेक्टिविटी का भविष्य
सरकार सैटेलाइट कनेक्टिविटी के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया पर काम कर रही है और इसके लिए इंडस्ट्री से सुझाव भी मांगे हैं। सुझाव मिलने के बाद स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद BSNL, जियो, एयरटेल और अन्य कंपनियां अपनी सैटेलाइट आधारित सेवाएं शुरू कर सकेंगी।
BSNL की D2D तकनीक से मोबाइल नेटवर्क में एक बड़ी क्रांति आ सकती है। बिना सिम और बिना नेटवर्क के कॉलिंग की सुविधा से BSNL अन्य टेलीकॉम कंपनियों जैसे Jio, Starlink और Airtel को कड़ी टक्कर दे सकता है।