Cabinet Minister Krishna Bedi: नरवाना के गांव राजगढ़ ढोबी में सोमवार को धन्यवादी कार्यक्रम में पहुंचे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदी ने करीब पांच करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राजगढ़ ढोबी से समैण तक 55 लाख रुपये से सड़क का निर्माण, राजगढ़ ढोबी से कन्हड़ी तक 65 लाख रुपये की लागत से सड़क का विस्तारीकरण शामिल है। इसके अलावा गांव में नए बूस्टिंग स्टेशन का निर्माण करवाया जाएगा।
इसमें पंपिंग मशीनरी की रिप्लेसमेंट वाटर वर्कस में हाई लेवल टैंक का निर्माण और गांव में करीब 3500 मीटर लंबी पाइप लाइन बिछाया जाना शामिल है। इस कार्य पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि खर्च होगी। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस कार्य का टेंडर करवा लिया गया है। मंत्री कृष्ण बेदी ने 22 लाख रुपये की लागत से निर्मित धानक चौपाल का भी उद्घाटन किया। ग्राम पंचायत द्वारा रखी दो दर्जन से ज्यादा मांगों को भी मंजूरी दी और कहा कि सभी कार्यों का एस्टीमेट बनवा लिया जाए, ताकि इन्हें जल्द करवाया जा सके।
मंत्री ने गांव के अन्य जरूरी कार्यों के लिए भी ग्राम पंचायत को अलग से एक करोड़ 25 लाख रुपये अनुदान देने की भी घोषणा की। गांव के स्कूल में सोलर सिस्टम, शेड निर्माण, चहारदीवारी निर्माण और सभी चौपालों के जीर्णोद्धार के लिए भी कहा। ग्रामीणों की मांग पर नरवाना टोहाना वाया राजगढ़ ढोबी बस सेवा का आश्वासन भी दिया। मंत्री कृष्ण बेदी ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 17 अगस्त को मेला अनाज मंडी में जनसभा को संबोधित करेंगे।

मुख्यमंत्री के आगमन से करोड़ों रुपयों की विकास परियोजनाओं की सौगात के साथ क्षेत्र में प्रगति का नया क्रांतिकारी अध्याय शुरू होगा। इस अवसर पर बलदेव वाल्मीकि, हंसराज समैन, ओम प्रकाश थुआ, मनदीप चहल, सरपंच दिनेश कुमार, भीम दनौदा, नरेश पहलवान, डा. कृष्ण नैन, तेजपाल शर्मा, अमित धरौदी, सुशील नायक, विनय बेलरखां, राजेश शर्मा, जसबीर नैन मौजूद थे।
विपक्ष के शासनकाल में अनुसूचित समाज के परिवारों को हुआ पलायन
मंत्री बेदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि नकारात्मक सोच के कुछ विपक्षी नेता प्रदेश में बह रही विकास की गंगा को हजम नहीं कर पा रहे हैं और आए दिन ऊल-जुलूल बयानबाजी करते रहते हैं। सत्ता गंवाने के बाद विपक्षी नेताओं को अब अनुसूचित समाज, मजदूर, महिला और किसान की याद आई है। लेकिन जनता उनके शासनकाल के दौरान अनुसूचित समाज और महिलाओं पर हुए अत्याचार को कभी नहीं भुला पाएगी।
उनके शासनकाल में मिर्चपुर, गोहाना और बघाना जैसे गांवों में हुई अनुसूचित समाज उत्पीड़न और गांवों से परिवारों का मजबूरन पलायन की घटनाएं आज भी आमजन को याद है। विपक्षी दिखावे के तौर पर किसानों पर राजनीति करते हैं, जबकि गत समय में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मुआवजे के नाम पर दो- दो रुपये के चेक देकर किसान वर्ग के साथ भद्दा मजाक किया जाता था।
विपक्षी नेताओं ने हमेशा जनहित की बजाय कुर्सी हित की ओच्छी राजनीति की है। जन कल्याण के नाम पर हमेशा सब्जबाग दिखाएं, लेकिन जमीनी स्तर पर जन कल्याण का कोई कार्य नहीं किया।