Canada Vs India: भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक तनाव अब एक नया मोड़ लेता नजर आ रहा है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा द्वारा भारत पर आरोप लगाए जाने के बाद, अब एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस विवाद में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की भूमिका भी चर्चा में है। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया है कि पिछले महीने Canada और India के अधिकारियों के बीच एक सीक्रेट मीटिंग हुई थी, जिसमें लॉरेंस बिश्नोई के नेटवर्क और उसकी आपराधिक गतिविधियों पर चर्चा की गई थी।
Canada Vs India: कनाडा और भारत के बीच बढ़ता विवाद
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नए आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच पहले से चले आ रहे तनाव और गहरा गया है। ट्रूडो ने दावा किया है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है और इसके लिए भारत ने लॉरेंस बिश्नोई के गैंग की मदद ली है। इसके अलावा कनाडा के अन्य खालिस्तानी नेताओं पर हमले के पीछे भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
यह मामला तब और गर्म हो गया जब वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और कनाडा के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक सीक्रेट मीटिंग सिंगापुर में हुई थी। इस मीटिंग में लॉरेंस बिश्नोई और उसके गैंग की गतिविधियों पर चर्चा की गई थी।
लॉरेंस बिश्नोई: जेल से चल रहा है अपराध का साम्राज्य
लॉरेंस बिश्नोई भारत के सबसे कुख्यात गैंगस्टरों में से एक है। वह इस समय जेल में बंद है, लेकिन उसके आपराधिक नेटवर्क का विस्तार भारत से लेकर विदेशों तक है। उसके पास 700 से अधिक शूटर हैं, जो जेल में रहते हुए भी उसके आदेशों पर अपराधों को अंजाम देते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र के विधायक बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश में भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।
कनाडा का आरोप है कि भारत सरकार बिश्नोई और उसके गैंग का इस्तेमाल कर कनाडा में खालिस्तानी नेताओं पर हमले करवा रही है। खासकर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से कनाडा भारत पर लगातार आरोप लगा रहा है।
Ajit Doval Vs Canada: डोभाल और कनाडाई अधिकारियों के बीच मीटिंग
रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर में हुई सीक्रेट मीटिंग के दौरान कनाडा के अधिकारियों ने लॉरेंस बिश्नोई की गतिविधियों पर सवाल उठाए। शुरुआत में अजित डोभाल ने यह जताया कि वह बिश्नोई को नहीं जानते, लेकिन बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि बिश्नोई जेल से भी अपने नेटवर्क को सक्रिय रखता है और अपराधों को अंजाम देता है। इस पांच घंटे लंबी मीटिंग में कनाडा के सिक्योरिटी एडवाइजर नेथेली ड्राउनी, उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन और रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
कनाडा के अधिकारियों ने इस बैठक में कहा कि वे निज्जर की हत्या में चार भारतीय अधिकारियों की संलिप्तता के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने पर विचार कर रहे हैं। अगले महीने इस मामले में जांच शुरू होनी है। हालांकि, अजित डोभाल ने भारत के खिलाफ लगाए गए इन आरोपों को खारिज करते हुए साफ किया कि भारत का किसी भी प्रकार की हिंसा या हत्या में हाथ नहीं है।
भारत ने खारिज किए कनाडा के आरोप
भारत ने शुरू से ही कनाडा के आरोपों को बेबुनियाद और राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित बताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का कोई हाथ नहीं है। कनाडा की तरफ से लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए भारत ने कहा है कि यह सब कनाडा के आंतरिक राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है।
कनाडा द्वारा भारतीय अधिकारियों को देश छोड़ने के आदेश के बाद, भारत ने भी इसी कदम के जवाब में कनाडा के छह राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत ने कहा है कि कनाडा में खालिस्तानी संगठनों की बढ़ती गतिविधियों और भारत विरोधी एजेंडे को अनदेखा करना गंभीर मुद्दा है, जिसे कनाडा को समझना चाहिए।
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल कनाडा में हत्या कर दी गई थी। कनाडा इस हत्या के लिए भारत को दोषी ठहरा रहा है और उसके मुताबिक, भारतीय राजनयिक इस हत्या में सीधे तौर पर शामिल थे। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए हैं कि भारत ने इस हत्या को अंजाम देने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग की मदद ली थी।
यह विवाद तब और बढ़ गया जब Canada ने Indian Highcommission के संजय वर्मा सहित छह भारतीय राजनयिकों को इस हत्या में सीधे तौर पर शामिल बताया। इस घटनाक्रम के बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं।