Vinesh phogat petition : भारतीय कुश्ती जगत के लिए एक बड़ा झटका लगा (Vinesh phogat petition) है। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं, क्योंकि खेल न्यायालय (CAS) ने विनेश फोगाट की अयोग्यता के मामले में उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। इस फैसले से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और खेल प्रेमियों में निराशा का माहौल है।
Vinesh phogat petition decesion : फैसले की पृष्ठभूमि
पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग में विनेश फोगाट को फाइनल मुकाबले से पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसका कारण था कि फाइनल के दिन उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया। इस अयोग्यता के बाद विनेश ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी थी। विनेश का मामला CAS के समक्ष पहुंचा, जहां 14 अगस्त को उनका केस खारिज कर दिया गया।
WFI की प्रतिक्रिया :
WFI के उपाध्यक्ष जय प्रकाश चौधरी ने इस मामले में अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, “ऐसा नहीं होना चाहिए था। हमें उम्मीद थी कि फैसला विनेश के पक्ष में आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
विषय | तथ्य |
फाइनल मुकाबले का दिन | 50 किग्रा वर्ग में वजन सीमा का उल्लंघन |
फैसला | विनेश की याचिका खारिज |
WFI का बयान | “उम्मीद थी फैसला पक्ष में आएगा” |
Vinesh phogat petition : फैसले की तारीख में होनी थी देरी :
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। IOA के अनुसार, CAS का फैसला मूल रूप से 13 अगस्त को आने वाला था, लेकिन इसे 16 अगस्त तक टाल दिया गया था। अंततः 14 अगस्त को यह फैसला सुनाया गया कि विनेश फोगाट की याचिका खारिज कर दी गई है।
IOA की स्थिति :
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के सदस्यों पर भी इस मामले में सवाल उठे हैं। IOA अध्यक्ष पीटी उषा ने स्पष्ट किया कि एथलीटों के वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी पूरी तरह से उनके और उनके कोच पर होती है, न कि IOA द्वारा नियुक्त चिकित्सा अधिकारी पर।
विनेश फोगाट के मामले का यह निर्णय भारतीय कुश्ती के लिए एक बड़ा झटका है। पेरिस ओलंपिक 2024 में कुश्ती में भारत की मेडल की उम्मीदें अब लगभग समाप्त हो चुकी हैं। अब सबकी निगाहें भविष्य की प्रतियोगिताओं और आगामी खेल आयोजनों पर हैं।