Chandigarh Government School Upgradation: चंडीगढ़ : स्कूल शिक्षा विभाग, UT चंडीगढ़ ने सरकारी स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। विभाग ने पिछले साल 36 लाख रुपये के पुराने 2 हजार कंप्यूटरों और अन्य IT उपकरणों की नीलामी की थी, जिसके बाद 65 सरकारी स्कूलों के लिए 800 डेस्कटॉप कंप्यूटर सिस्टम और अन्य IT उपकरण खरीदे गए। इसके साथ ही, कार्यालय के लिए 50 PC और 24 सरकारी स्कूलों में CCTV कैमरे लगाए गए थे, जिनकी कुल लागत 3.65 करोड़ रुपये थी।
विद्या समीक्षा केंद्र ने 2 करोड़ रुपये की लागत से निदेशालय स्तर पर भी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया है। डायरेक्टर स्कूल शिक्षा, हरसुहिंदर पाल सिंह बराड़ ने कहा कि सरकारी स्कूलों में डिजिटल शिक्षा की ओर यह कदम एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे छात्रों और शिक्षकों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
ऑनलाइन शिक्षा और नए डिजिटल मॉड्यूल
विभाग ने यह भी बताया कि प्रवेश स्तर पर RTI अधिनियम के तहत निजी और सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस शुरू की गई हैं। NIC चंडीगढ़ की मदद से एक केंद्रीकृत पोर्टल भी बनाया गया है। इसके माध्यम से शिक्षक स्थानांतरण का मॉड्यूल भी परीक्षण चरण में है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा।
ICT लैब्स को और मजबूत किया जाएगा
इसके अलावा, विभाग 32 सरकारी स्कूलों में 2.04 करोड़ रुपये की लागत से आईसीटी लैब्स स्थापित करने की प्रक्रिया में है। इन लैब्स को और मजबूत बनाने के लिए 500 पीसी और 100 स्मार्ट क्लासरूम खरीदे जाएंगे, जिनकी अनुमानित लागत 4 करोड़ रुपये होगी।
सीएसआर गतिविधियों से भी मिलेगा सहयोग
रोटरी क्लब द्वारा सीएसआर गतिविधियों के तहत 6 सरकारी मिडिल स्कूलों को 30 कंप्यूटर दान किए गए हैं। इस सहयोग से स्कूलों को शिक्षा में डिजिटल साधनों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
नई तकनीकों का उपयोग
इसके अलावा, विभाग AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के जरिए कर्मचारियों की उपस्थिति, पीएम पोषण मॉनिटरिंग और स्वच्छता मॉनिटरिंग को लागू करने की प्रक्रिया में है। इसके लिए 10 लाख रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है। AI ऐप के माध्यम से भोजन की गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी और ऐप परिणामों को अच्छा या बुरा प्रदर्शित करेगा, जिससे स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
चंडीगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए कदमों से सरकारी स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों को तकनीकी रूप से समृद्ध शिक्षा का लाभ मिलेगा।