Chandigarh:चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के मंत्रियों के सरकारी मकानों का किराया लाखों में बकाया है। एक हालिया ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों राज्यों का कुल बकाया किराया 4.42 करोड़ रूपये है। इसमें से हरियाणा सरकार पर 2.66 करोड़ और पंजाब सरकार पर 1.76 करोड़ रुपए का बकाया है।
Chandigarh:पंजाब रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट 1966 के अनुसार, चंडीगढ़ में यूटी पूल के मकानों का किराया मंत्रियों से वसूला जाना चाहिए। लेकिन पिछले तीन वर्षों में हुए ऑडिट में यह पाया गया कि इन मंत्रियों के लिए निर्धारित किराया या लाइसेंस फीस वसूलने में कमी आई है।
अवैध कब्जे से भी रिकवरी में कमी
Chandigarh:रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सरकारी मकानों में अवैध कब्जाधारियों से करीब 1.37 करोड़ रुपए की वसूली नहीं हो सकी। ऑडिट पार्टी के मुताबिक, 2021 से 2023 के बीच 20 ऐसे अवैध ऑक्यूपेंट्स से लाइसेंस फीस वसूल नहीं की जा सकी।
विभाग की प्रतिक्रिया
चंडीगढ़ के असिस्टेंट कंट्रोलर (एफएंडए) रेंट के अनुसार 31 मार्च 2024 तक इस बकाया राशि के साथ-साथ ब्याज का भी भुगतान नहीं किया गया है। विभाग ने ऑडिट पार्टी को जानकारी दी है कि दोनों राज्यों के साथ इस मामले में बातचीत चल रही है और जल्द ही रिकवरी को लेकर एक कंप्लायंस रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।