Panchayati Zamin new update : हरियाणा के गांवों में 20 साल से शामलाती जमीन पर खेती कर रहे किसानों और मकान बनाकर रह रहे ग्रामीणों को अब अपनी जमीन का मालिकाना हक मिलने जा रहा है। राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से अध्यादेश जारी कराया है, जिससे इन जमीनों को वैध रूप से किसानों और ग्रामीणों के नाम किया जा सकेगा। हालांकि, इसके लिए उन्हें बाजार मूल्य के आधार पर जमीन की कीमत चुकानी होगी।
Purpose and background of the ordinance : अध्यादेश का मकसद और पृष्ठभूमि
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दो बार कैबिनेट में इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित होने के बावजूद इसे विधानसभा में पेश नहीं किया जा सका। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में 5 मार्च को हुई कैबिनेट बैठक में शामलाती भूमि पर 20 साल से खेती कर रहे किसानों को मालिकाना हक देने का निर्णय लिया गया था। लेकिन, लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू हो गई और कानून में बदलाव नहीं हो पाया।
पंचायती जमीन न्यू अपडेट: अध्यादेश के मुख्य प्रावधान
12 जुलाई को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पंचायती जमीन पर 31 मार्च 2004 से पहले तक 500 वर्ग गज तक का घर बना चुके ग्रामीणों के मकानों को वैध करने की मंजूरी दी गई। इसके अलावा, खेती के लिए 20 साल के लिए पट्टे पर दी गई शामलात देह जमीन को शामलात देह के दायरे से बाहर करने का निर्णय लिया गया। इससे हजारों किसानों को इस जमीन पर मालिकाना हक मिलेगा।
प्रावधान | विवरण |
जमीन का मालिकाना हक | 20 साल से शामलात जमीन पर खेती कर रहे किसानों को मिलेगा |
घरों की वैधता | 31 मार्च 2004 से पहले बने 500 वर्ग गज तक के घर वैध किए जाएंगे |
जमीन की कीमत | बाजार मूल्य के आधार पर निर्धारित की जाएगी |
Panchayati Zamin new updates : कानून में संशोधन और प्रक्रिया
हरियाणा ग्राम साझी भूमि (विनियमन) अधिनियम 1961 में संशोधन को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत मूल पट्टेदार, हस्तांतरित व्यक्ति या उनके कानूनी उत्तराधिकारी संबंधित ग्राम पंचायत को निर्धारित राशि का भुगतान कर स्वामित्व अधिकार प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन करने के बाद सरकार द्वारा यह राशि तय की जाएगी।
Zamin benificiery latest updates किसे होगा लाभ?
इस अध्यादेश का सबसे बड़ा लाभ उन ग्रामीणों और किसानों को होगा जिन्होंने 31 मार्च 2004 से पहले अपने घरों का निर्माण किया है। इन घरों का आकार अधिकतम 500 वर्ग गज (खुली जगह सहित) तक होना चाहिए। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि बिक्री दर बाजार मूल्य से कम नहीं होगी।
Panchayati Zamin update : अध्यादेश का प्रभाव :
सरकार का यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से चली आ रही जमीन विवाद की समस्या का समाधान करेगा। इससे उन किसानों और ग्रामीणों को राहत मिलेगी जो वर्षों से इन जमीनों पर रह रहे हैं और अब तक कानूनी तौर पर मालिकाना हक नहीं पा सके थे।
हरियाणा सरकार द्वारा जारी किया गया यह अध्यादेश न केवल ग्रामीणों को सुरक्षा का भाव देगा, बल्कि उन्हें उनके अधिकार भी प्रदान करेगा। इस कदम से ग्रामीण विकास को भी बल मिलेगा और भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर भूमि प्रबंधन की उम्मीद की जा सकती है।
अतिरिक्त पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs: 20 साल से शामलाती जमीन पर बने मकान होंगे वैध
प्रश्न 1 : क्या केवल खेती करने वाले किसानों को ही फायदा मिलेगा?
उत्तर: नहीं, इस योजना का लाभ उन ग्रामीणों को भी मिलेगा जिन्होंने 31 मार्च 2004 से पहले अपने मकान बनाए हैं।
प्रश्न 2: आवेदन करने की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर: किसान या ग्रामीण सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन कर सकते हैं, जिसके बाद जमीन की कीमत तय की जाएगी।
प्रश्न 3: क्या सभी प्रकार की शामलाती जमीन इसमें शामिल है?
उत्तर: केवल वह शामलाती जमीन शामिल होगी जो 20 साल से खेती या मकान निर्माण के लिए उपयोग में है।
प्रश्न 4: क्या जमीन का स्वामित्व हस्तांतरण तुरंत होगा?
उत्तर: स्वामित्व हस्तांतरण आवेदन प्रक्रिया और भुगतान पूरा होने के बाद ही होगा।
प्रश्न 5: क्या बाजार मूल्य से कम कीमत पर जमीन मिल सकती है?
उत्तर:नहीं, सरकार ने सुनिश्चित किया है कि जमीन की बिक्री बाजार मूल्य से कम नहीं होगी।