Doctors Transfer Policy Haryana: चंडीगढ़, 28 नवंबर: हरियाणा सरकार अब डॉक्टरों के तबादले भी शिक्षकों की तर्ज पर ऑनलाइन करने जा रही है। इस नई पॉलिसी को तैयार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव आदित्य दहिया की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इसमें स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. मनीष बंसल और एसएमओ डॉ. निशिकांत को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी एक महीने के भीतर नीति का ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी। पॉलिसी लागू करने से पहले जनता से सुझाव और आपत्तियां मांगी जाएंगी।
डॉक्टरों की पसंद का होगा ध्यान
सरकार की इस पहल से डॉक्टरों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होने जा रही है। डॉक्टर तबादलों में राजनीतिक हस्तक्षेप को खत्म करने और पारदर्शिता की मांग कर रहे थे। नई पॉलिसी में डॉक्टरों को पसंद के स्टेशन का विकल्प दिया जाएगा।
पुरानी कोशिशों से मिली सीख
2016 में पहली बार ऑनलाइन ट्रांसफर का ट्रायल हुआ था, जिसमें 482 डॉक्टरों के तबादले किए गए।हालांकि, उस समय डेटा अपलोड में अनियमितताओं और कपल केस की शिकायतों के कारण योजना रद्द कर दी गई थी। अब स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के नेतृत्व में इस योजना को फिर से शुरू किया जा रहा है।
शिक्षकों की नीति बनी प्रेरणा
हरियाणा में 2014 में शिक्षकों के लिए लागू की गई ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी एक सफलता रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस नीति की सराहना की थी। उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित कई राज्यों ने इस नीति को अपनाया है।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने आदेश जारी कर कहा कि डॉक्टरों की पॉलिसी को शिक्षकों की पीजीटी नीति के अनुरूप बनाया जाएगा।
कमेटी का काम और अध्ययन
कमेटी यह जांच करेगी कि देश के अन्य राज्यों में डॉक्टरों के ऑनलाइन तबादले हो रहे हैं या नहीं। यदि किसी राज्य में ऐसी प्रणाली है, तो कमेटी वहां जाकर प्रक्रिया का अध्ययन करेगी। अन्य राज्यों के अनुभवों से सीख लेकर हरियाणा में इस नीति को लागू किया जाएगा।
पॉलिसी से पारदर्शिता और सुविधा
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि यह पॉलिसी डॉक्टरों को पारदर्शिता और निष्पक्षता का लाभ देगी। इससे डॉक्टरों को उनकी पसंद के स्टेशन पर काम करने का मौका मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं बेहतर होंगी।