Jind Cyber crime : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव मोनिका की अध्यक्षता में राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में साइबर अपराध के प्रति जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। प्राधिकरण सचिव मोनिका ने कहा कि अनजान व्यक्ति से प्राप्त ई-मेल व संलग्नकों का जवाब नहीं दें। इससे साइबर अपराध व साइबर फ्राड का शिकार होने से बचा जा सकता है। साथ ही सुनिश्चित करें कि वाइ-फाइ सुरक्षित हो। अपने पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें।
उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि बच्चों द्वारा उपयोग की जा रहे इंटरनेट मीडिया मंच से जुड़े रहें। इससे पता चल सकेगा कि बच्चा किस प्रकार की सामग्री सांझी कर रहा है। इस पर निगरानी रखी जानी चाहिए। उन्हांने कहा कि अपना पता या फोन नंबर जैसी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ सांझा नहीं करें। व्यक्तिगत फोटो किसी को नहीं भेजें।
अनजान लोगो से दोस्ती करने से बचें। मोबाइल फोन में स्टोर की जाने वाली जानकारियों को ध्यानपूर्वक जांच ले। ब्लूटूथ या वाइफाइ का इंटरफेस उपयोग नहीं होने की स्थिति में डिसेबल कर दें। अनजान वाइ-फाइ नेटवर्क से जुड़ने और सुरक्षित वाइ-फाइ या हाटस्पाट का उपयोग करने से बचें। डिवाइस डिस्कार्ड करने से पूर्व उसमें स्टोर की गई जानकारी हटा दें।
अपने सीआरएन पासवर्ड, सीवीसी, ओटीपी, एटीएम, यूपीआइ पिन, मोबाइल बैंकिंग पिन जैसे संवेदनशील जानकारियां किसी वो नहीं दें। प्राधिकरण सचिव ने बताया कि अगर किसी के साथ साइबर क्राइम हो जाता है तो तुरंत 1930 नंबर पर रिपोर्ट दर्ज करवाएं। प्राधिकरण सचिव ने उपस्थित जनों को 15100 नालसा टोल फ्री नंबर प्रिंटिंग स्टीकर प्रदान किए। यह नंबर सार्वजनिक स्थानों जैसे पंचायत घर, चौपाल पर चस्पा करें ताकि आमजन को मुफ्त कानूनी सलाह घर बैठे फोन पर उपलब्ध हो सके। इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता देवराज मलिक मौजूद रहे।