जींद : सर्दी के साथ ही अब धुंध (Fog) भी छाने लगे है। धुंध में ट्रेनों का संचालन प्रभावित नहीं हो, इसके लिए जींद से होकर गुजरने वाली सभी ट्रेनों में फाग सेफ्टी डिवाइस (Fog safety device) लगा दिए गए हैं। ये डिवाइस के लगने से ट्रेन का संचालन निर्धारित गति से ही हो सकेगा। यात्रियों को धुंध के कारण ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। वहीं बसों में भी फाग लाइट और रिफ्लेक्टर लगाए गए हैं।
जींद रेलवे जंक्शन (jind railway junction) से प्रतिदिन दिल्ली, बठिंडा, कुरुक्षेत्र, पानीपत, सोनीपत की तरफ प्रतिदिन 50 से ज्यादा पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेन तथा 30 मालगाड़ी गुजरती हैं। इस समय धुंध का मौसम चल रहा है। सुबह दस बजे तक व शाम छह बजे के बाद धुंध छानी शुरू हो जाती है। धुंध के कारण दृश्यता कम हो जाती है।
इसके चलते सड़कों पर वाहनों और रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की गति धीमी पड़ जाती है। इस समस्या के निजात के लिए रेलवे ने फाग सेफ्टी डिवाइस ट्रेनों में लगाने शुरू किए हैं। फाग सेफ्टी डिवाइस एक बैटरी संचालित यंत्र है। इसे ट्रेन के इंजन में रखा जाता है। इसमें जीपीएस (GPS train) की सुविधा होती है। इस यंत्र के साथ एंटीना होता है, जो ट्रेन संचालन के दौरान इंजन के बाहरी हिस्से पर लगा दिया जाता है।

इस एंटीना से डिवाइस को सिग्नल मिलता है। इसके आधार पर ट्रेन के संचालन का रेल मार्ग निर्धारित किया जाता है। रेल मार्ग निर्धारित करते ही बीच रास्ते में आने वाले फाटक, सिग्नल और रेलवे स्टेशन की जानकारी पहले से दर्ज होती है।
Fog : धुंध में ट्रेन संचालन नहीं होगा प्रभावित
धुंध के मौसम में ट्रेनों का संचालन प्रभावित नहीं हो, इसके लिए फाग सेफ्टी डिवाइस लगाई जाती हैं। इसके अलावा ट्रेन संचालन से जुड़े सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए जाते हैं कि वह पूरी सतर्कता रखें। रेलवे ट्रैक से जुड़े कर्मचारियों को भी लगातार जांच के निर्देश दिए जाते हैं।
—ओमप्रकाश, क्रू कंट्रोलर, रेलवे जंक्शन जींद
Fog light in buses : इधर रोडवेज बसों में लगी फाग लाइट व रिफ्लेक्टर
जींद : धुंध से निपटने को लेकर रोडवेज की बसों में भी फाग लाइट लगवाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही बसों में बैक लाइट व ब्रेक लाइट के साथ रिफ्लेकटर (reflector) लगाए गए हैं, ताकि धुंध में हादसे से बचा जा सके। महाप्रबंधक द्वारा जींद डिपो के चालकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि चालक ड्राइविंग करते हुए सीट बेल्ट का अवश्य प्रयोग करें। सर्दी के मौसम में धुंध के कारण सामने से आने वाला वाहन दिखाई नहीं देता और सड़क हादसे अधिक होते हैं।
जींद डिपो (Jind dipo) की 170 बसों में प्रतिदिन 15 से 16 हजार यात्री सफर करते हैं। किलोमीटर स्कीम की भी करीब 37 बसें शामिल हैं। नई बसों में फाग लाइट और रिफ्लेक्टर लगे हैं लेकिन पुरानी बसों में फाग लाइट नहीं लगी थी। इन बसों में फाग लाइट और रिफ्लेक्टर लगाए गए हैं। डिपो महाप्रबंधक राहुल जैन (GM Rahul Jain) ने कहा कि सभी बसों में फाग लाइट लगी हैं। जिन बसों में नहीं लगी, उनमें भी तुरंत लगवा दी जाएंगी।