Gaganyaan Mission News, ISRO की नई कामयाबी: गगनयान मिशन के लिए तैयार की गई ऐसी खोपड़ी, जो बदल देगी अंतरिक्ष मिशन का भविष्य

Sonia kundu
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Gaganyaan Mission News भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गगनयान मिशन के लिए एक ऐसी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है जो न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व में स्पेस तकनीक के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करेगी। इसरो ने पहली बार गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission News) के लिए एक ह्यूमनॉइड व्योमित्र (Humanoid Vyomitra) तैयार किया है, और इस ह्यूमनॉइड के लिए एक विशेष प्रकार की खोपड़ी बनाई गई है, जो मिशन की सफलता की संभावना को कई गुना बढ़ा देगी।

 

गगनयान मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना है। यह मिशन भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर देगा, जिन्होंने अपने अंतरिक्ष यात्रियों को स्वतंत्र रूप से अंतरिक्ष में भेजा है। इस मिशन की विशेषता यह है कि इसमें पहली बार एक महिला ह्यूमनॉइड ‘व्योमित्र’ को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। व्योमित्र, जो कि एक मानव-समान रोबोटिक प्रणाली है, को इस मिशन के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है।

Humanoid Vyomitra : अंतरिक्ष में मनुष्य का सजीव प्रतीक

व्योमित्र एक ह्यूमनॉइड रोबोट है, जिसे इंसानों की तरह दिखने और काम करने के लिए बनाया गया है। इसमें चल सकने वाली भुजाएं, धड़, चेहरा और गर्दन शामिल हैं, जो उसे अंतरिक्ष में स्वायत्तता से काम करने में सक्षम बनाते हैं। इसके डिजाइन की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे अंतरिक्ष में विभिन्न जटिल कार्यों को संपादित करने के लिए तैयार किया गया है, जिनमें उच्च जोखिम वाले कार्य भी शामिल हैं। ये कार्य आमतौर पर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चुनौतीपूर्ण और खतरनाक होते हैं, जैसे कि सौर पैनलों की सफाई और Spacecraft के बाहरी उपकरणों की मरम्मत।

Gaganyaan Mission News, ISRO's new success Such a skull prepared for Gaganyaan Mission, which will change the future of space missions
Gaganyaan Mission News, ISRO’s new success Such a skull prepared for Gaganyaan Mission

 

व्योमित्र को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह अंतरिक्ष में अपने आप काम कर सकता है या फिर उसे पृथ्वी पर स्थित मिशन कंट्रोल टीम द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। इतना ही नहीं, यह ह्यूमनॉइड अंतरिक्ष में मौजूद रहते हुए धरती पर स्थित मिशन कंट्रोल टीम से संपर्क भी स्थापित कर सकता है, जो मिशन की निगरानी और प्रबंधन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

व्योमित्र के लिए ISRO द्वारा तैयार की गई ‘ह्यूमनॉइड खोपड़ी’

व्योमित्र ह्यूमनॉइड के लिए इसरो ने एक विशेष प्रकार की खोपड़ी तैयार की है, जिसे ह्यूमनॉइड स्कल (Humanoid Skull)
कहा जाता है। ISRO’s Essential Systems यूनिट ने इस खोपड़ी को केरल के तिरुवंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में डिजाइन और निर्माण किया है। इस ह्यूमनॉइड खोपड़ी की विशेषता यह है कि इसे एल्युमिनियम मिश्र धातु (AlSi10Mg) से बनाया गया है, जो इसे हल्का, लचीला और गर्मी प्रतिरोधी बनाता है।

एल्युमिनियम मिश्र धातु (AlSi10Mg) की विशेषताएं :

इस मिश्र धातु का उपयोग मुख्य रूप से इसलिए किया गया है क्योंकि इसमें कई अद्वितीय गुण होते हैं, जो अंतरिक्ष मिशन के लिए इसे आदर्श बनाते हैं। यह मिश्र धातु बहुत ही हल्की होती है, जो वजन को कम करने में मदद करती है। इसके साथ ही, इसमें अत्यधिक लचीलापन होता है, जिससे यह विभिन्न प्रकार के कंपन लोड्स (Vibrational loads) को सहन कर सकती है, जो स्पेसक्राफ्ट के लॉन्च के दौरान उत्पन्न होते हैं।

व्योमित्र की इस खोपड़ी का आकार 200mm x 200 mm है और इसका वजन केवल 800 ग्राम है। इसे एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (AM) तकनीक का उपयोग करके तैयार किया गया है, जो इसे मजबूत और प्रभावी बनाती है। एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग तकनीक के माध्यम से इस तरह की खोपड़ी का निर्माण इसरो की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

ISRO की एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (AM) तकनीक का महत्व

Additive Manufacturing (AM) एक उभरती हुई तकनीक है, जो परंपरागत निर्माण प्रक्रियाओं से अलग है। इस तकनीक के माध्यम से किसी वस्तु को परत दर परत बनाकर तैयार किया जाता है। इसरो ने इस तकनीक का उपयोग करते हुए व्योमित्र की खोपड़ी को तैयार किया है। AM तकनीक का उपयोग करने से न केवल वस्तु की मजबूती बढ़ती है, बल्कि इसकी जटिलता भी घटती है, जिससे इसे अंतरिक्ष के कठिन वातावरण में भी सफलतापूर्वक काम करने के लिए तैयार किया जा सकता है।

अंतरिक्ष मिशनों में ह्यूमनॉइड्स का भविष्य :

इसरो का Vyomitra Humanoid न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस प्रकार के ह्यूमनॉइड्स भविष्य में अंतरिक्ष मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जहां इंसानों के लिए कार्य करना जोखिम भरा होता है।

व्योमित्र जैसे ह्यूमनॉइड्स न केवल अंतरिक्ष में स्वायत्तता से काम कर सकते हैं, बल्कि वे धरती पर स्थित मिशन कंट्रोल टीम से भी जुड़ सकते हैं, जो अंतरिक्ष मिशनों की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

ISRO की नई उपलब्धि का वैश्विक महत्व

ISRO द्वारा व्योमित्र के लिए बनाई गई ह्यूमनॉइड खोपड़ी न केवल भारत की स्पेस तकनीक में बढ़ती क्षमता को दर्शाती है, बल्कि यह इसरो की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती प्रतिष्ठा का भी प्रमाण है। इस नई तकनीक के साथ, भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

Gaganyaan Mission : गगनयान मिशन के माध्यम से इसरो न केवल भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, बल्कि यह तकनीकी विकास और नवाचार के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है। व्योमित्र और उसकी ह्यूमनॉइड खोपड़ी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं।

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