Gopal Kanda Networth: हरियाणा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की राजनीति में कई नए घटनाक्रम हो रहे हैं। इन दिनों हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय है SIRSA से मौजूदा विधायक गोपाल कांडा, जो राज्य के दूसरे सबसे अमीर विधायक माने जाते हैं। अपने विवादित जीवन और विशाल संपत्ति (Gopal Kanda Networth) के कारण, कांडा की कहानी बेहद दिलचस्प और प्रेरणादायक है।
एक समय छोटे स्तर पर काम करने वाले कांडा ने जूते-चप्पल की दुकान से अपना सफर शुरू किया और फिर एक विशाल बिजनेस साम्राज्य खड़ा किया।
आइए, जानते हैं गोपाल कांडा की संपत्ति, कारोबार और उनके राजनीतिक करियर के बारे में।
Gopal Kanda Networth: साधारण शुरुआत से साम्राज्य तक का सफर
सिरसा के निवासी गोपाल कांडा, आठवीं पास हैं। उनका जीवन किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। Gopal Kanda ने अपने शुरुआती करियर में रेडियो रिपेयर (Radio Repair) की एक छोटी सी दुकान जूपिटर म्यूजिक होम खोली थी। यह दुकान (Gopal Kanda Networth)कुछ खास चली नहीं, लेकिन कांडा ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने भाई गोविंद के साथ मिलकर एक जूते-चप्पल की दुकान खोली, जिसे कांडा शू शॉप कहा जाता था। इस दुकान ने जल्द ही क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल कर ली और यहीं से कांडा के बिजनेस साम्राज्य की नींव पड़ी।
जैसे-जैसे उनकी जूते-चप्पल (shoes and slippers) की दुकान चल पड़ी, कांडा ने अपने व्यापारिक हितों का विस्तार किया। उन्होंने एक जूते बनाने की फैक्ट्री (Shoes Factory) खोली और धीरे-धीरे हरियाणा में बड़े बिजनेसमैन और रसूखदार लोगों के साथ संबंध बनाए।
Gopal Kanda Networth: रियल एस्टेट किंग बनने का सफर
गोपाल कांडा ने अपने Buisness को बढ़ाते हुए 1998 में हरियाणा के सबसे बड़े शहर गुरुग्राम (Gurgaon) में प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने का कारोबार शुरू किया। उस वक्त Real estate market तेजी से बढ़ रहा था और कांडा ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। छोटे-छोटे प्लॉट्स खरीदकर उन्हें बड़े दामों पर बेचना उनके व्यापार का प्रमुख हिस्सा बन गया। (Gopal Kanda Networth)जल्द ही वह हरियाणा की Real Estate Lobby में एक बड़ा नाम बन गए।
उनकी राजनीतिक और सामाजिक पहचान भी इसी समय से बढ़ने लगी। कई बड़े राजनेताओं और व्यापारिक घरानों से उनके संबंध स्थापित हो गए, जो उनके करियर को और ऊंचाइयों पर ले गए।
Gopal Kanda MDLR Airlines : एक बड़ा कदम
साल 2007 में गोपाल कांडा और उनके भाई ने अपने पिता के नाम पर MDLR (मुरलीधर लक्ष्मीराम) एयरलाइंस की स्थापना की। यह उनके बिजनेस साम्राज्य का सबसे बड़ा और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था। हालांकि, एयरलाइंस उद्योग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और चुनौतियों के कारण यह Airlines केवल दो साल तक ही चल सकी और 2009 में बंद हो गई। इसके बावजूद, कांडा ने अपने बिजनेस को अन्य क्षेत्रों में फैलाया और 40 से ज्यादा कंपनियों की स्थापना की।
Gopal Kanda Networth: कितनी है गोपाल कांडा की संपत्ति?
2019 के चुनाव में गोपाल कांडा ने चुनाव आयोग को अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी। उनके हलफनामे के मुताबिक, कांडा के पास कुल चल संपत्ति 65 करोड़ 38 लाख रुपये से अधिक है, जबकि अचल संपत्ति 30 करोड़ रुपये से अधिक है। उनके पास 4 करोड़ रुपये से ज्यादा के बॉन्ड्स, डिबेंचर्स और शेयर्स भी हैं। इसके अलावा, उनकी और उनकी पत्नी के नाम पर लाखों रुपये की पोस्टल सेविंग्स (Postal Savings) और इंश्योरेंस पॉलिसियां हैं।
उनके पास 16 लाख रुपये से ज्यादा की कीमत वाली Ford Endeavour कार है और 2 करोड़ 64 लाख रुपये से ज्यादा के सोने और हीरे के गहने हैं। उनकी प्रॉपर्टी में गुड़गांव, जयपुर और दिल्ली जैसी जगहों पर करोड़ों रुपये की रेजिडेंशियल और कमर्शियल जमीनें शामिल हैं।
हालांकि, कांडा पर 118 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज भी दर्ज है, जो उनके बिजनेस विस्तार का हिस्सा है।
Gopal Kanda Political Career : राजनीतिक करियर में उतार-चढ़ाव
गोपाल कांडा ने 2009 में सिरसा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार को समर्थन देकर खुद को हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान पर पहुंचाया। उनके समर्थन का फल यह हुआ कि उन्हें हरियाणा सरकार में गृह राज्यमंत्री का पद मिल गया।
हालांकि, 2012 में उनकी Airlines की पूर्व एयर होस्टेस गीतिका शर्मा (Geetika Sharma) की आत्महत्या के बाद कांडा विवादों में घिर गए। गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में कांडा पर गंभीर आरोप लगाए, जिसके चलते उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और जेल भी जाना पड़ा।
Gopal Kanda Party: हरियाणा लोकहित पार्टी और वापसी
जेल से बाहर आने के बाद कांडा ने अपनी खुद की पार्टी, HLP हरियाणा लोकहित पार्टी, की स्थापना की। हालांकि, 2014 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2019 में कांडा ने सिरसा से जीत दर्ज कर अपनी राजनीतिक वापसी की। उन्होंने बीजेपी को समर्थन देकर फिर से राज्य की राजनीति में अपनी जगह बनाई।
2023 में, गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया, जिससे (Gopal Kanda Networth)कांडा को एक बड़ी राहत मिली।
गोपाल कांडा की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। जूते-चप्पल की दुकान से शुरू कर उन्होंने एक विशाल बिजनेस और राजनीतिक साम्राज्य खड़ा किया है। विवादों और कठिनाइयों के बावजूद, कांडा ने अपनी पहचान बनाई और हरियाणा की राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। उनकी कुल संपत्ति 95 करोड़ रुपये से ज्यादा है, जो उन्हें हरियाणा के दूसरे सबसे अमीर विधायकों में शामिल करती है।