हरियाणा में गुरुकुलों और संस्कृत पाठशालाओं (Gurukuls and Sanskrit Pathshala grant) को प्रति वर्ष वित्तीय रूप से सहायता देने के लिए हरियाणा की नायाब सैनी सरकार ने बड़ी घोषणा की है । सरकार ने वैदिक शिक्षा को आगे लाने और गुरुकुल पद्धति को आगे लाने के लिए आर्थिक रूप से सहायता देने की घोषणा की है । हरियाणा में आज भी बहुत सारे गुरुकुल और संस्कृत की अनेक पाठशालाएं हैं ।
हालांकि कुछ गुरुकुलों को छोड़कर बाकी सब में पढ़ने वालों कम संख्या दिखाई देती है । कुछ गुरुकुलों ने वैदिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा को भी जोड़ दिया है । बहुत सारी संस्थाएं भी गुरुकुलों को चलाने में अपना सहयोग देती हैं । अब हरियाणा की नायब सैनी सरकार छोटे से बड़े गुरुकुलों को हर साल आर्थिक मदद देने की मंजूरी दे दी है ।
Gurukuls : विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर इतनी राशि दी जाएगी
सरकार गुरुकुलों और संस्कृत शिक्षण पाठशालाओं (Gurukuls and Sanskrit Pathshala grant) को 2 लाख रुपए से लेकर 7 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता देने जा रही है । ये धनराशि गुरुकुल में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या के आधार पर दी जाएगी। विद्यार्थियों की संख्या 50 से 80 के बीच होने पर 2 लाख रुपए हर साल उस पाठशाला या गुरुकुल या उसे चलाने वाली संस्था को दिए जाएंगे ।
80 से 100 विद्यार्थी होने पर 3 लाख रुपए सालाना दिए जाएंगे । 100 से 200 विद्यार्थी होने पर 5 लाख रुपए सालाना दिए जाएंगे और 200 से अधिक विद्यार्थी होने पर 7 लाख रुपए सालाना दिए जाएंगे । ये धनराशि हर साल सीधे संस्था के खाते में डाले जाएंगे । खट्टर सरकार ने भी मदरसों और गुरुकुलों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए हरियाणा बोर्ड के साथ जोड़ने की घोषणा के साथ बजट जारी किया था जिससे कुछ गुरुकुलों को सीधी ग्रांट मिल रही थी ।
इसीलिए खास हैं गुरुकुल
गुरुकुल में जहां वैदिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा (Gurukuls and Sanskrit Pathshala grant) के साथ जोड़ा जाता है वहीं हॉस्टल में रहने साथ सुबह व्यायाम से लेकर गाय का दूध और सात्त्विक खाना दिया जाता है । गुरुकुलों में आचार विचार से शुद्ध वातावरण मिलता है । इसके अलावा गुरुकुलों में फीस भी नाममात्र की ली जाती है । प्रणायाम,आयुर्वेद जैसे विषयों को पढ़ाई भी करवाई जाती है ।