Haryana: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला समेत चार पूर्व विधायकों की पेंशन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बावजूद इन नेताओं को पेंशन दिए जाने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने संबंधित पूर्व विधायकों से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उनकी पेंशन पर रोक लगाई जाए।
सजा के बावजूद पेंशन जारी
दरअसल, इन सभी पूर्व विधायकों को अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई गई थी, लेकिन इसके बावजूद हरियाणा सरकार की ओर से उन्हें पेंशन दी जा रही थी। इस संबंध में वकील हरिचंद अरोड़ा ने चंडीगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इसे अवैध और जनता के पैसों का दुरुपयोग बताया है।
पेंशन के नियमों पर उठे सवाल
याचिकाकर्ता अरोड़ा का कहना है कि हरियाणा विधानसभा की धारा 7-ए (1-ए) (वेतन, भत्ता और सदस्यों की पेंशन) अधिनियम, 1975 के मुताबिक, किसी विधायक को सजा होने पर वह पेंशन के अयोग्य हो जाते हैं। याचिका में विशेष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला, पूर्व विधानसभा स्पीकर सतबीर सिंह कादियान, पूर्व विधायक अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी के नाम शामिल हैं, जिनसे कोर्ट ने जवाब मांगा है।

RTI से मिली जानकारी के बाद मामला आया प्रकाश में
अरोड़ा ने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत विधानसभा सचिवालय से जानकारी मांगी थी, जिससे पता चला कि सजा पाए गए चार पूर्व विधायक अब भी पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इसके आधार पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। उनका कहना है कि सजा के बाद भी पेंशन मिलना पूरी तरह से गैरकानूनी है और इसे रोकना आवश्यक है।
इस मामले में हाईकोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।