Haryana Dengue Cases: हरियाणा में मानसून के बाद डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो राज्य के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कहा कि राज्य के शहरी और उपनगरीय क्षेत्रों में डेंगू के मामलों में तेज़ी आ रही है और फॉगिंग की दर मामले की गंभीरता के अनुरूप नहीं है। उन्होंने पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार को पत्र लिखकर राज्य के गांवों और कस्बों में अधिक व्यापक फॉगिंग और डेंगू नियंत्रण के लिए ठोस प्रयास करने का आग्रह किया है।
डेंगू के मामलों की बढ़ती संख्या
हरियाणा में डेंगू के 4330 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है। पंचकूला जिले में सबसे ज्यादा 1226 केस मिले हैं और हिसार, करनाल, कुरुक्षेत्र, सोनीपत और पानीपत जिलों में भी बड़ी संख्या में केस दर्ज हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने संबंधित जिलों के उपायुक्तों और सीईओ को डेंगू नियंत्रण गतिविधियों की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।
फॉगिंग पर जोर, जांच उपकरणों की कोई कमी नहीं
राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग के कार्य को शहरी स्थानीय निकायों और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थानों को सौंपा है। स्वास्थ्य विभाग ने यह भी आश्वासन दिया है कि जिलों में डेंगू जांच किट्स की कोई कमी नहीं है। सोनीपत, जींद, रेवाड़ी, नारनौल, करनाल, कुरुक्षेत्र और कैथल जैसे जिलों में पर्याप्त जांच किट्स उपलब्ध हैं।
Haryana Dengue Cases: डेंगू जांच के आंकड़े
राज्य के 16 जिलों में औसतन 1300 लोग डेंगू की जांच करवाने पहुंच रहे हैं। प्रमुख जिलों के आंकड़े इस प्रकार हैं:
हरियाणा में डेंगू जांच के आंकड़ों के अनुसार, सोनीपत में रोजाना औसतन 140 लोग जांच करवाने पहुंच रहे हैं, जिनमें से 340 लोगों की औसतन जांच हो रही है। जींद में 50 लोग रोजाना जांच करवाने आते हैं और औसतन 40 की जांच होती है। झज्जर में यह आंकड़ा 40 और 82 का है। रेवाड़ी में 150 लोग आते हैं, परंतु औसतन 43 की जांच हो पाती है। रोहतक में सबसे अधिक 250 लोग रोजाना आते हैं और औसतन 124 की जांच होती है। नारनौल में सिर्फ 5 लोग जांच के लिए पहुंचते हैं, जिनमें औसतन 53 की जांच की जाती है, जबकि अंबाला में यह संख्या 80 और 103 है।
करनाल में 300 लोग रोजाना जांच के लिए आते हैं और 367 की औसतन जांच होती है। यमुनानगर में 80 लोग आते हैं और 101 की औसतन जांच होती है। कुरुक्षेत्र में 60 लोग आते हैं और औसतन 213 की जांच की जाती है। कैथल में यह आंकड़ा 40 और 40 का है। हिसार में 60 लोग जांच करवाने आते हैं और औसतन 443 की जांच होती है। सिरसा में 12 लोग आते हैं और 168 की जांच की जाती है। फतेहाबाद में 12 और 71, भिवानी में 25 और 86, और चरखी दादरी में 25 लोग जांच करवाने पहुंचते हैं, जिसमें औसतन 81 लोगों की जांच होती है।
आगे की रणनीति
तापमान में अपेक्षित गिरावट न होने से नवंबर में भी डेंगू का प्रकोप बना हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिक से अधिक प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत फॉगिंग करवाने का आग्रह किया है। राज्य सरकार ने आम जनता को भी इस अभियान में सहयोग देने की अपील की है, ताकि डेंगू के प्रकोप को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जा सके।