हरियाणा के आधे हिस्से में मानसून का बेसब्री से इंतजार कर लोगों को (IMD Weather) अभी कोई राहत नहीं मिली है । पिछले सालों की तुलना में मानसून 1 जुलाई की बजाय 29 जून को 2 दिन पहले आ गया था । हालांकि रेवाड़ी, रोहतक, फरीदाबाद, फतेहाबाद, नूहं,महेंद्रगढ़ और झज्जर में मानसून के शुरुआत में कहीं कहीं तेज बारिश से सड़कों तक पर पानी भर गया था जबकि जींद,कैथल जैसे पश्चिमी जिलों में अभी तक छुटपुट हल्की बारिश ही देखने को मिली है ।
आधे मानसून जाने के बाद मध्य और पश्चिमी जिलों में सूखा सा पड़ता दिखाई दे रहा है । इसको लेकर एक तरफ जहां किसानों में धान की बुवाई को लेकर चिंता फैली हुई है तो आम जन मानस भी उमस से छुटकारा पाने के इंतजार में है ।
अब तक ये रहा है हरियाणा में मानसून का हाल
वैसे भी मानसून हमारी जलवायु प्रणाली का जरूरी अंग है । उत्तर भारत में तो जलवायु का असर कृषि,जल और दैनिक जीवन पर साफ दिखाई पड़ता है । बढ़ती गर्मी और मौसम में नमी होने से अभी राहत के कम की आसार दिख रहे हैं ।अधिकतर जिलों में बादल तो छाए रहते हैं लेकिन बारिश की छुटपुट घटनाएं ही देखने को मिली हैं ।
हरियाणा के आधे से ज्यादा जिलों में अभी भी बारिश का इंतजार है । राज्य में अभी तक केवल 80 मिलीमीटर ही बारिश दर्ज की गई है । नूहं ,महेंद्रगढ़ और फतेहबाद जिलों में अभी तक सामान्य से ज्यादा बारिश देखने को मिली है ।
IMD weather alert : इन शहरों में 16 जुलाई को घोषित हो चुका है बारिश को लेकर ऑरेंज और येलो अलर्ट
आज 16 जुलाई को 13 जिलों में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है । यहां 30 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा तेज हवाएं चलने की भी उम्मीद है । गुरुग्राम, झज्जर, सोहना,महेंद्रगढ़,कोसली,नूहं, पाटोदी, बावल,अटेली,तावडू के इलाकों में ऑरेंज अलर्ट के साथ जहां तेज हवाएं देखने को मिलेंगी वहीं साथ में अच्छी बारिश के भी आसार हैं ।
यहां हवा का दबाव क्षेत्र बनने से बारिश का असर अन्य इलाकों में भी पड़ेगा जिसका आम जनता के अलावा सबसे ज्यादा फायदा किसानों को देखने को मिलेगा । 15 जुलाई को सोनीपत, झज्जर और धान के कटोरे कहे जाने वाले करनाल के अधिकतर इलाकों में अच्छी खासी बारिश देखने को मिलीफरीदाबाद,पलवल,बहादुरगढ़, बल्लबगढ़ ,होडल और हथीन को लेकर भी आज येलो अलर्ट है तो यहां भी दबाव क्षेत्र बनाने से बारिश देखने को मिल सकती है।
किसानों ने बारिश को लेकर जाहिर की चिंता
कई क्षेत्रों में पानी की कमी के कारण धान की रोपाई में अभी कमी दिखाई पड़ रही है । कई इलाकों में तो धान की पौध भी सुख गई है । बिजली की कमी से भी भूमिगत जल से सिंचाई क्षेत्र में भी कमी दिखाई देती है । इसको लेकर किसानों ने चिंता जाहिर की है । कई किसान तो कई कई बार धान को रोपाई कर चुके हैं ।
17 जुलाई के बाद मानसून में सक्रीयता बढ़ने से बारिश के आसार कम ही होंगे
कल 17 जुलाई मानसून की सक्रियता में बदलाव से राज्य में मौसम में अधिकतर जगह बदलाव देखने को मिलेगा लेकिन यह बदलाव कम ही जगह बारिश में बदलेगा । अभी बारिश को लेकर ओर इंतजार करना होगा । अभी नमी कम होने से केवल उमस की कमी दिखाई देने के आसार हैं ।
19 जुलाई के बाद राज्य के हर जिले में बारिश देखने को मिलेगी । हालांकि पश्चिमी जिलों में इसका कम ही असर देखने को मिलेगा। कैथल और जींद जैसे जिलों में अभी तक बारिश न के बराबर हुई है । यहां सूखे जैसे हालत होने दिखाई देने लगे हैं । हालांकि 19 जुलाई के बाद मौसम में होने वाले बदलाव का कितना फायदा यहां के किसानों को मिलता है ये देखने वाली बात होगी ।
मानसून अभी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों तक आकर रुक सा गया है । मानसून के आगे ना बढ़ने से हवाएं नहीं आ रहीं है जिसके कारण अभी तक तेज़ बारिश जैसे आसार दिखाई नहीं दिए हैं । पश्चिमी विक्षोभ भी अबकी बार काफी कमजोर है जिसके कारण केवल क्षेत्रानुसार बादल बनने से हल्की बारिश ही देखने को मिली है ।
हालांकि 28 जून को मानसून हरियाणा में प्रवेश कर गया था लेकिन शुरुआत में कुछ क्षेत्रों में तेज़ बारिश देखने को मिली लेकिन उसके बाद राज्य के अधिकतर इलाकों में सूखे जैसे हालत दिखाई देने लगे हैं । अभी तक पिछले सालों से 30 प्रतिशत से भी अधिक ,कम बारिश हुई है जो आम जन मानस के अलावा किसानों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई हैं।
भविष्य में ऐसे हालातों से निपटने के लिए एक तरफ जहां सरकार द्वारा स्पेशल वन नीति लाई गई है तो आम नागरिक भी अपने स्तर पर बड़ी संख्या में पेड़ लगाने का कार्य कर रहे हैं नागरिक अपने जन्मदिन या अन्य उत्सवों से जोड़कर पेड़ लगाने की मुहिम चला रहे हैं । आगे मौसम में बदलाव होकर तेज बारिश के कभी आसार बनेंगे तो हम आपको सूचित करने का काम करेंगे ।
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