Haryana law changes: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में बड़ा बदलाव: जुर्माने में 10 गुना वृद्धि; हरियाणा सरकार का संशोधन विधेयक जल्द राष्ट्रपति को भेजा जाएगा

Haryana law changes: हरियाणा सरकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2024 को विधानसभा में पारित करने की तैयारी कर ली है। यह विधेयक जुर्माने की मौजूदा धनराशि में 10 गुना वृद्धि और अन्य सुधारों को लेकर है।

राष्ट्रपति की मंजूरी आवश्यक

कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने बताया कि यह विधेयक हरियाणा विधानसभा में पारित होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। वहां से इसे राष्ट्रपति भवन भेजा जाएगा, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून का रूप ले सकेगा। इस प्रक्रिया में कुछ माह का समय लग सकता है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता: नया बदलाव

1 जुलाई 2024 से देशभर में लागू हुई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 ने 51 साल पुरानी दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC), 1973 को बदल दिया। हरियाणा सरकार अब इसमें संशोधन कर जुर्माने की राशि में वृद्धि करने और अन्य प्रावधान लागू करने की तैयारी में है।

जुर्माने की नई राशि:

वर्तमान स्थिति:
अधिकतम 3 साल की जेल, 50,000 रुपये जुर्माना या सामुदायिक सेवा।

संशोधन के बाद:
जुर्माने की अधिकतम राशि 50,000 रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये।

कारावास और सामुदायिक सेवा का प्रावधान बरकरार रहेगा।

द्वितीय श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधिकारों में बदलाव:

वर्तमान स्थिति:
1 साल तक की जेल, 10,000 रुपये तक का जुर्माना या सामुदायिक सेवा।

संशोधन के बाद:
जुर्माने की अधिकतम राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये।

बदलाव का उद्देश्य:

हरियाणा सरकार का यह संशोधन जुर्माने की राशि को यथासमय बढ़ाकर न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाना है। इससे सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा मिलेगा और नागरिक सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकेगा।

Haryana law changes: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में बड़ा बदलाव: जुर्माने में 10 गुना वृद्धि; हरियाणा सरकार का संशोधन विधेयक जल्द राष्ट्रपति को भेजा जाएगा
Haryana law changes: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में बड़ा बदलाव: जुर्माने में 10 गुना वृद्धि; हरियाणा सरकार का संशोधन विधेयक जल्द राष्ट्रपति को भेजा जाएगा

आगे की प्रक्रिया

यह संशोधन हरियाणा सरकार द्वारा विधानसभा में पारित होते ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति से यह कानून प्रभावी रूप से लागू होगा।

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