Haryana News: चंडीगढ़: पराली जलाने के मामलों में किसानों को ऋण न पाने पर सुप्रीम कोर्ट से मिली फटकार के बाद हरियाणा सरकार ने अफसरों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने का फैसला किया है। अब, यदि नोडल अधिकारी पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में असफल रहते हैं, तो उन्हें निलंबित किया जाएगा।
बढ़ते प्रदूषण की स्थिति पर गंभीरता
हरियाणा के मुख्य सचिव, टीवीएसएन प्रसाद ने इस संबंध में जिला उपायुक्तों के साथ एक बैठक की। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन अधिकारियों को निलंबित किया जाएगा जो अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहते हैं। इससे पहले, 23 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में राज्य के मुख्य सचिव को पराली जलाने के बढ़ते मामलों पर अपना पक्ष रखना है।
सरकार ने तैयार किया कार्रवाई का प्लान
हरियाणा सरकार ने एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसके तहत पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ FIR दर्ज कराने और उनके कृषि रिकॉर्ड में रेड एंट्री का आदेश दिया गया है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट को यह बताना है कि हरियाणा सरकार कृषि अवशेषों को जलाने के मामलों में गंभीरता से कार्रवाई कर रही है।
कई किसान हो चुके हैं गिरफ्तार
कैथल जिले में 13 किसानों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि पानीपत में 12 ग्राम सचिवों और पटवारियों को नोटिस जारी किया गया है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में असफलता दिखाई, तो उन्हें सस्पेंड किया जा सकता है।
पराली जलाने के आंकड़े है चिंताजनक
हाल के दिनों में, कैथल में 123, अंबाला में 73, कुरुक्षेत्र में 90 और करनाल में 68 जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं। हरसैक की सेटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से इन घटनाओं की पुष्टि भी की गई है।
पराली जलाने के मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
हरियाणा के कृषि निदेशक द्वारा जारी आदेश के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस आदेश की आलोचना की है। हालांकि, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी कृषि निदेशालय के आदेश को लागू करने से मना किया है।
हरियाणा सरकार की यह कार्रवाई प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इसे लागू करने में चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं। किसानों को जागरूक करने के प्रयासों,उन्हें पराली जलाने से रोकने के लिए अन्य विकल्प उपलब्ध करवाने के साथ-साथ अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना होगा, ताकि पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाई जा सके।