Haryana Pollution News: हरियाणा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा पर पहुंच गया है। कुरुक्षेत्र जिले में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 423 पर दर्ज किया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इस स्थिति में विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने लोगों को घर के अंदर रहने और N-95 मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। यदि प्रदूषण का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो प्रदेश में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
कुरुक्षेत्र के साथ-साथ हरियाणा के 14 अन्य शहरों में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से ऊपर पहुंच गया है, जिससे वहां की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। दिल्ली-NCR क्षेत्र में, जहां पहले से ही प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, वहां आज सुबह 8 बजे से ग्रैप-2 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू कर दिया गया है। यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और लोगों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
Haryana Pollution News: हरियाणा के प्रमुख शहरों में AQI का हाल
हरियाणा के प्रमुख शहरों में AQI का स्तर गंभीर है। कुरुक्षेत्र में AQI 423 के साथ सबसे ज्यादा है, जबकि गुरुग्राम, सोनीपत, यमुनानगर और जींद जैसे शहर भी खतरनाक श्रेणी में आ गए हैं। इन शहरों का AQI इस प्रकार है:
कुरुक्षेत्र: 423
सोनीपत: 377
गुरुग्राम: 369
जींद: 364
यमुनानगर: 349
बहादुरगढ़: 336
कैथल: 329
रोहतक: 322
सिरसा: 313
हिसार: 315
पानीपत: 315
चरखी दादरी: 313
बल्लभगढ़: 312
फरीदाबाद: 307
पंचकूला: 304
करनाल: 295
इन सभी शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब से बहुत खराब की श्रेणी में है, जो सांस की बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा दे सकती है। डॉक्टरों ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए लोगों को N-95 मास्क पहनने की सलाह दी है, खासकर उन लोगों को जो बाहर जाने के लिए मजबूर हैं। इसके अलावा, आंखों की सुरक्षा के लिए नियमित रूप से धोने की भी सलाह दी गई है, ताकि स्मॉग के प्रभाव को कम किया जा सके।
Haryana Pollution News: पराली जलाने पर किसानों पर FIR के अलावा अधिकारियों पर भी एक्शन
प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक पराली जलाना भी है, जिसके खिलाफ हरियाणा सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। राज्य के कई जिलों में पराली जलाने के मामलों में FIR दर्ज की गई है और किसानों पर कार्रवाई की जा रही है। कृषि विभाग द्वारा हिसार में 11 FIR दर्ज की गई हैं, जिसमें बरवाला और अन्य गांवों के किसानों पर कार्रवाई की गई है। कुरुक्षेत्र में अब तक 58 किसानों के खिलाफ रेड एंट्री की गई है और 39 किसानों पर FIR दर्ज करने के लिए पुलिस को कागज सौंपे गए हैं।
अंबाला जिले में 35 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और 2 किसानों पर FIR दर्ज की गई है। जींद में 38 जगहों पर पराली जलाने के मामले सामने आए हैं, जिनमें 17 किसानों पर FIR दर्ज की गई है। इसी तरह, फतेहाबाद में 3 पटवारियों समेत 16 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जबकि 3 FIR दर्ज कर 4 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। सिरसा में भी 3 महिलाओं पर पराली जलाने के आरोप में FIR दर्ज की गई है।
Haryana Pollution News: पराली जलाने के मामलों का रिकॉर्ड
हरियाणा में अब तक 655 मामलों में पराली जलाने के आरोप लगे हैं। कैथल जिले में सबसे ज्यादा 127 मामले सामने आए हैं, जबकि कुरुक्षेत्र में 91 मामले दर्ज किए गए हैं। हिसार, फरीदाबाद, जींद और सोनीपत जिलों में भी पराली जलाने के कई मामले सामने आए हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। प्रदेशभर में पराली जलाने के मामलों की स्थिति इस प्रकार है:
कैथल: 127
कुरुक्षेत्र: 91
फतेहाबाद: 40
सोनीपत: 40
जींद: 49
फरीदाबाद: 31
NCR में लागू हुई GRAP-2 पाबंदियां
Delhi-NCR में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रैप-2 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू कर दिया गया है। हरियाणा के NCR में आने वाले जिलों जैसे फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर और पानीपत में भी इन पाबंदियों का पालन करना अनिवार्य होगा। इसमें निर्माण गतिविधियों पर रोक, ट्रकों की आवाजाही पर पाबंदी और सड़कों पर धूल के नियंत्रण के लिए विशेष उपाय शामिल हैं।
खराब हवा से स्वास्थ्य पर पड़ रहा है बुरा असर
प्रदूषण के इस गंभीर स्तर का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। डॉक्टरों ने सांस के रोगियों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। अस्पतालों में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और आंखों में जलन की समस्याएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि प्रदूषण का स्तर और बढ़ता है, तो सरकार को हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा करनी पड़ सकती है।