Haryana Pollution: हरियाणा में प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर स्थिति में पहुंचता जा रहा है। हाल ही में पानीपत में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर 500 तक पहुंच गया था, जो अब घटकर 112 पर आ गया है। वहीं, करनाल और कुरुक्षेत्र जैसे प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर 400 से ऊपर बना हुआ है। शुक्रवार को कैथल का AQI 428, करनाल 413, कुरुक्षेत्र 417, जींद 402और रोहतक 407 दर्ज किया गया, जिससे इन क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है।
Haryana Pollution: पराली जलाने की घटनाओं से प्रदूषण में बढ़ोतरी?
हरियाणा में पराली जलाने के कारण प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। रात के समय, खासकर 9 बजे से 1 बजे तक, आगजनी की घटनाएं अधिक होती हैं। प्रदेश में पराली जलाने के नए 6 मामले गुरुवार को सामने आए हैं, जिससे इस सीजन में कुल मामले 680 हो गए हैं। हालांकि, पिछले सालों की तुलना में यह संख्या कम है, जिससे यह संकेत मिलता है कि सरकार की सख्ती का कुछ असर जरूर पड़ा है।
Haryana Pollution: जींद में पराली जलाने पर कार्रवाई, AQI 402 पर पहुंचा
जींद में पराली जलाने के दो नए मामलों के बाद यहां का AQI 402 तक पहुंच गया है। कृषि विभाग ने सख्ती बरतते हुए संबंधित किसानों पर चालान काटे और मामले भी दर्ज किए हैं। प्रदूषण नियंत्रण के इस अभियान में हिसार का भी उल्लेखनीय योगदान है, जहां बढ़ते स्मॉग की स्थिति को लेकर किसानों पर निगरानी की जा रही है।
हिसार में 12 किसानों पर जुर्माना
हिसार जिले में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सख्त रुख अपनाया गया है। प्रशासन को हरसैक (हरियाणा रिमोट सेंसिंग एंड एप्लीकेशन सेंटर) से आगजनी की सूचनाएं मिल रही हैं, जिससे तुरंत कार्रवाई संभव हो रही है। हिसार की एडीसी सी. जयश्रद्धा ने बताया कि 12 किसानों पर FIR दर्ज कर 32,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायत और ग्राम सचिव भी इस काम में सहयोग कर रहे हैं।
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सरकार के कदम
हरियाणा सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हरसैक के माध्यम से पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखनी शुरू कर दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों को इस अभियान से जोड़ा जा रहा है ताकि खेतों में आगजनी को रोका जा सके।