Haryana SC Reservation: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जातियों के भीतर आरक्षण के संतुलित वितरण को सुनिश्चित करना है।
इस फैसले के तहत अब अनुसूचित जातियों को SC-A और SC-B के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिससे अधिक संतुलन और समान अवसर प्रदान किए जा सकें।
Haryana SC Reservation: हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग की सिफारिशों के आधार पर उठाया कदम
हरियाणा राज्य में अनुसूचित जातियों का एक बड़ा हिस्सा लंबे समय से आरक्षण के दायरे में आता है, लेकिन सरकारी सेवाओं में इसका फायदा कुछ ही जातियों को अधिक मिलता रहा है। इसी असमानता को खत्म करने और सभी को समान अवसर देने के उद्देश्य से सरकार ने अनुसूचित जातियों को SC-A (वंचित अनुसूचित जातियां) और SC-B (अन्य अनुसूचित जातियां) के रूप में विभाजित करने का निर्णय लिया है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग की सिफारिशों के आधार पर उठाया गया है।
SC-A और SC-B में विभाजन का उद्देश्य
1. समान अवसर की आवश्यकता:
अनुसूचित जातियों में कुछ जातियां सरकारी सेवाओं में बड़े पैमाने पर प्रतिनिधित्व प्राप्त करती रही हैं, जबकि अन्य वंचित रहीं। इस विभाजन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वंचित जातियों को भी सरकारी सेवाओं में समान अवसर मिले।
2. आरक्षण का संतुलन:
अनुसूचित जातियों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षित कोटे को अब दो हिस्सों में बांटा गया है। 10 प्रतिशत कोटा वंचित अनुसूचित जातियों (SC A) के लिए आरक्षित रहेगा और शेष 10 प्रतिशत कोटा अन्य अनुसूचित जातियों (SC B) के लिए होगा।
3. समस्या का समाधान:
हरियाणा में SC की कुल आबादी 64.38 लाख है। इसमें SC की 15 जातियों की आबादी 30.64 लाख है जबकि SC की 36 वंचित जातियों की आबादी 33.74 लाख यानी 52.40 प्रतिशत है। हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला कि सरकारी सेवाओं में वंचित अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व केवल 39.71 प्रतिशत है,जबकि उनकी आबादी 52.40 प्रतिशत है और अन्य अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व 60.29 प्रतिशत है यानी अन्य अनुसूचित 15 जातियों का प्रतिनिधित्व ज्यादा है। इस असमानता को दूर करने के लिए यह नया वर्गीकरण लागू किया गया है।
Haryana SC Reservation: वर्गीकरण की संरचना और लाभ
वंचित अनुसूचित जातियां (DSC)
वंचित अनुसूचित जातियों में 36 जातियों को शामिल किया गया है, जो अभी तक सरकारी सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व से वंचित रही हैं। इनमें वाल्मीकि, आद धर्मी, बंगवाली, बेरार, बटवाल, बावरिया, बाजीगर, भंजारा, चनल, डागी, डरेन, डेहा, धानक, सिग्गी, डूम, गागरा, गांदीला, जुलाहा, खटीक, कोली, मरीहा, मजहबी सिख, मेघवाल, नट, ओड, पासी, पेरना, फरेरा, सनही, सनहल, सैंसी, संसोई, सपेरा, सरेरा, सिकलीगर, सिरकिबंद आदि शामिल हैं। इनके लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यदि इस श्रेणी में योग्य उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होते, तो अन्य श्रेणी के उम्मीदवारों को मौका दिया जाएगा।
अन्य अनुसूचित जातियां (OSC)
इस श्रेणी में जटिया, रेहगर, रामदासी, रविदासी, बटोई, बलाही, भटोई, भांबी,जाटव, मोची, रामदासिया जैसी जातियों को शामिल किया गया है, जो पहले से ही सरकारी सेवाओं में अच्छी खासी भागीदारी रखती हैं। इनके लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण रखा गया है, और यदि इनके उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होते, तो वंचित वर्ग के उम्मीदवारों को मौका मिलेगा।
वर्तमान स्थिति और आंकड़े
अनुसूचित जातियों का सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व पर ध्यान दिया जाए, तो हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार:
वंचित अनुसूचित जातियों (SC A) का सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व 39.71% है, जो कि जनसंख्या अनुपात से काफी कम है।
अन्य अनुसूचित जातियों (SC B) का सरकारी सेवाओं में 60.29% प्रतिनिधित्व है, जो कि इन जातियों की जनसंख्या से अधिक है।
आयोग की रिपोर्ट ने स्पष्ट किया कि Group-A, B और C की सेवाओं में ज्यादातर लाभ अन्य अनुसूचित जातियों (SC-B) को मिला है, जबकि Group-D की नौकरियों में वंचित जातियों को ज्यादा अवसर मिले हैं। Group-D में सफाई से जुड़े काम मुख्य रूप से वाल्मीकि जैसी वंचित जातियों द्वारा किया जाता है।
Haryana Schedule Casts पर विशेषज्ञों की राय
आरक्षण और सामाजिक न्याय के विशेषज्ञों का मानना है कि यह वर्गीकरण न केवल आरक्षण नीति में अधिक पारदर्शिता लाएगा, बल्कि यह वंचित जातियों को आगे बढ़ने का मौका भी देगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ का निर्देश भी है, जिसके तहत राज्य सरकारों को उप-वर्गीकरण की अनुमति दी गई है।
एक सामाजिक न्याय पर शोधकर्ता, का कहना है कि यह कदम सुनिश्चित करेगा कि सरकारी सेवाओं में वंचित वर्ग को न्याय मिले। आरक्षण का उद्देश्य सभी को समान अवसर देना है और इस प्रकार का वर्गीकरण इस दिशा में महत्वपूर्ण है।
Real Reservation Story: वास्तविक जीवन उदाहरण
वाल्मीकि जाति के 30 वर्षीय सिन्हा ने इस फैसले का स्वागत किया। वे कहते हैं कि हमारी जाति के लोग Group-D की नौकरियों तक ही सीमित रहे हैं, लेकिन अब इस वर्गीकरण से हमें बेहतर अवसर मिलेंगे और हम भी ग्रुप A और B की सेवाओं में भागीदारी कर पाएंगे।
कब लागू होगा ये फैसला ?
अभी हरियाणा सरकार इसका ड्राफ्ट तैयार करेगी और विधानसभा में विस्तृत ड्राफ्ट पेश किया जाएगा । विधानसभा से विधेयक पास करवाना होगा उसके बाद अंत में महामहिम राज्यपाल के हस्ताक्षर और मुहर के बाद यह फैसला आधिकारिक रूप से लागू हो जाएगा।
यहां पहले से ही लागू है यह फैसला
हरियाणा के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में शैक्षणिक दाखिलों में यह आरक्षण 2020 से ही लागू है। हायर एजुकेशन में 20 प्रतिशत आरक्षण में से वंचित अनुसूचित जातियों के लिए 10 प्रतिशत का आरक्षण पहले ही विभाजित हो कर मिल रहा है। नौकरियों में यह आगे लागू होगा।
सुधार के लिए आगे की राह
सरकार का यह फैसला सामाजिक न्याय और समान अवसर के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस फैसले से उम्मीद की जा रही है कि न केवल सरकारी सेवाओं में वंचित जातियों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा, बल्कि यह सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देगा।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. क्या अनुसूचित जातियों का विभाजन केवल हरियाणा में हुआ है?
नहीं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार राज्य सरकारों को अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण की अनुमति दी गई है। हरियाणा सरकार ने इस दिशा में पहला कदम उठाया है।
2. वंचित अनुसूचित जातियां कौन-कौन सी हैं?
इस श्रेणी में 36 जातियों को शामिल किया गया है, जिनमें से कुछ प्रमुख जातियां हैं – वाल्मीकि, धोबी, खटिक आदि ।
3. इस फैसले से सरकारी नौकरियों में क्या बदलाव होगा?
Haryana SC Reservation में विभाजन के बाद सरकारी नौकरियों में वंचित और अन्य अनुसूचित जातियों का संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा।
हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जातियों को SC-A और SC-B में विभाजित कर सरकारी सेवाओं में संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया।