Haryana vehicle scrap policy 2024: हरियाणा प्रदेश में वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण सड़कों पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। इस बढ़ते समस्या को हल करने के लिए अब हरियाणा सरकार ने राज्य में पंजीकृत वाहनों के स्क्रैपेज एवं री-साइक्लिंग के लिए नई नीति – स्क्रैपेज एवं री-साइक्लिंग सुविधा प्रोत्साहन नीति-2024 अधिसूचित की है। इस नीति के तहत हरियाणा में पुरानी गाड़ियों का स्क्रैपिंग और री-साइक्लिंग की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे गाड़ियों के पुर्जों का फिर से उपयोग किया जा सकेगा और कबाड़ में तब्दील हो चुकी गाड़ियों का पुनः इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे न केवल पर्यावरण में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश में उद्योगों का भी विकास होगा।
Haryana vehicle scrap policy 2024: सरकार ने इस नीति को उद्योग का दर्जा देने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रदेश में स्थापित की जाने वाली नई उद्योग इकाइयों को पूंजी अनुदान और राज्य GST में प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग हरियाणा राज्य औद्योगिक विभाग के माध्यम से 10 साल की लीज पर भूमि देने का मॉड्यूल तैयार करेगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में एनजीटी द्वारा पुराने डीजल गाड़ियों की पासिंग सीमा 10 साल और पेट्रोल गाड़ियों की 15 साल तक तय किए जाने के बाद कंडम वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इसे देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।
Haryana vehicle scrap policy 2024: स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों के लिए वित्तीय सहायता
इस नीति के तहत सरकार स्टार्टअप्स, महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति श्रेणी के उम्मीदवारों को उद्यम पूंजी निधि स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। इसके लिए 20 करोड़ तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही, भूमि को छोड़कर संपूर्ण परियोजना की 10 प्रतिशत लागत और औद्योगिक श्रेणी के डी ब्लॉक में शत-प्रतिशत तथा बी और सी श्रेणी के ब्लॉक में 75 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
उत्कृष्टता केंद्रों के लिए अनुदान
इसके अलावा, उत्कृष्टता केंद्रों को स्थापित करने के लिए परियोजना लागत का 50 प्रतिशत, जो कि 5 करोड़ रुपये तक का होगा, अनुदान दिया जाएगा। इस नीति के तहत हरियाणा के युवाओं के कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले 10 उद्योगों को 50 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा।
राज्य के उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह की टिप्पणी
प्रदेश के उद्योग मंत्री राव नरबीर सिंह ने इस पहल के बारे में कहा कि हरियाणा सरकार के इस कदम से गाड़ियों के पुर्जों की री-साइक्लिंग से उनका पुनः उपयोग संभव हो सकेगा। इससे न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही, गाड़ी मालिकों को भी आर्थिक लाभ होगा और जनता को सड़कों, गलियों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कंडम वाहनों की पार्किंग से मुक्ति मिलेगी।
इस नीति से न सिर्फ प्रदेश के उद्योगों का विकास होगा, बल्कि यह पर्यावरणीय सुधार और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होगा।