Nuclear Power Plant: फतेहाबाद: हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव में बन रहा राज्य का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र 2031 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। 42,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह संयंत्र हरियाणा को 2800 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराएगा। इस परियोजना की आधारशिला पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने रखी थी, जिसे अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ाया जा रहा है।
Gorakhpur Nuclear Power Plant परियोजना के 2 चरण: लागत और समय सीमा
गोरखपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र को 2 चरणों में पूरा किया जाएगा जिसमें इसके पहले चरण में 700-700 मेगावाट की 2 यूनिट का निर्माण, जिसकी अनुमानित लागत 20,594 करोड़ रुपये है। इसके साल 2031 तक तैयार होने का अनुमान है। इस परियोजना के दूसरे चरण में बाकी की 700-700 मेगावाट की 2 यूनिट, जिसकी लागत लगभग 21,000 करोड़ रुपये होगी। इसके साल 2032 तक पूरा होने का अनुमान है। आंकड़ों के अनुसार गोरखपुर न्यूक्लियर पावर प्लांट के पहले चरण पर अब तक लगभग 7161 करोड़ रुपये और दूसरे चरण पर अभी तक 201 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
गोरखपुर प्रोजेक्ट पर शुरू में हुआ था विरोध
बताया जाता है कि गोरखपुर प्लांट का निर्माण शुरू में स्थानीय लोगों और बिश्नोई समाज के विरोध के कारण रुक गया था। उनकी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने कई शर्तें तय कीं और लोगों की बातों का समाधान किया, जिसके बाद निर्माण कार्य फिर से शुरू हो सका।
गोरखपुर प्रोजेक्ट अभी तक सफल
गोरखपुर प्लांट के लिए सभी प्रमुख उपकरणों का ऑर्डर दिया जा चुका है, जिनमें से कुछ की डिलीवरी भी हो चुकी है। प्लांट को बनाने के लिए सिविल और नाभिकीय आइसलैंड पैकेज, टर्बाइन आइसलैंड पैकेज और जल परिवहन प्रणाली के कॉन्ट्रैक्ट पहले ही हो चुके हैं। गोरखपुर प्रोजेक्ट के भवन निर्माण और जमीन की जांच का कार्य भी पूरा हो चुका है।
गोरखपुर प्लांट से हरियाणा को क्या होगा फायदा?
गोरखपुर न्यूक्लियर प्लांट (Gorakhpur Nuclear Power Plant Updates) के पूरा होने से हरियाणा को 2800 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलेगी। यह ऊर्जा प्रदेश के औद्योगिक और घरेलू जरूरतों को पूरा करने में सहायक होगी। स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत (sustainable energy sources) होने के कारण गोरखपुर न्यूक्लियर पावर प्लांट हरित ऊर्जा के लिए एक मिसाल बनेगा।