Hisar News : हिसार में सरकारी आदेश की अजब कहानी, विदाई पार्टी के चलते DEEO कार्यालय में प्रवेश निषेध, Social Media पर पत्र वायरल, प्रशासन ने मांगा जवाब

Sonia kundu
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Hisar News : हरियाणा के हिसार में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (DEEO) कार्यालय ने एक ऐसा आदेश जारी किया है जिसने सरकारी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 29 अगस्त को जारी इस पत्र में सभी खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को निर्देश दिया गया कि 30 अगस्त को कार्यालय में एक विदाई पार्टी का आयोजन हो रहा है, इसलिए कोई भी अधिकारी या कर्मचारी कार्यालय में न आए। यदि कोई अर्जेंट काम हो तो ही कार्यालय में प्रवेश किया जाए, अन्यथा उपस्थित होकर पार्टी में “दखलंदाजी” न करें।

Hisar News वायरल हुआ पत्र

डीईईओ कार्यालय से जारी यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद कार्यालय में हलचल मच गई। इस पत्र में कहा गया कि 30 अगस्त को कार्यालय में जगदीश राय असिस्टेंट की ऐच्छिक सेवानिवृत्ति के उपलक्ष्य में विदाई पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। चूंकि कार्यालय में जगह की कमी है, इसलिए केवल अर्जेंट कार्य होने पर ही कार्यालय में प्रवेश करें।

 

Hisar News: Strange story of government order in Hisar, entry into DEEO office prohibited due to farewell party, letter goes viral on social media
Hisar News: DEEO office prohibited due to farewell party, letter goes viral on social media

 

प्रशासन ने मांगा जवाब

पत्र वायरल होने के बाद हिसार प्रशासन ने डीईईओ से इस बारे में जवाब तलब किया है। यह आदेश डीईईओ कार्यालय के सुपरिटेंडेंट की ओर से जारी हुआ था, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों से ऐसी भाषा और आदेश की अपेक्षा नहीं की जाती, जहां कर्मचारियों को पार्टी के चलते कार्यालय से दूर रहने के लिए कहा जाए।

पिछले विवादों से जुड़ी जानकारी

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब डीईईओ कार्यालय विवादों में घिरा है। इससे पहले भी 16 दिन पहले, डीईईओ निर्मल दहिया को हिसार के लघु सचिवालय में एक ग्रीवेंस कमेटी की बैठक के दौरान शिकायत के आधार पर निलंबित करने के आदेश दिए गए थे। डीईईओ पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को डराने, धमकाने और बदतमीजी करने के आरोप लगे थे।

16 दिन पहले हरियाणा सिविल सर्विस रूल्स 2016 के तहत डीईईओ के निलंबन के आदेश जारी किए गए थे। इसके बाद, डीईईओ (DEEO) कार्यालय का यह नया आदेश एक और विवाद का कारण बन गया है, जिससे सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और ईमानदारी की जरूरत पर बल दिया है। क्या यह घटना सिर्फ एक प्रशासनिक गलती थी, या इसके पीछे कोई और कारण छिपा है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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