HKRN Big Breaking : चंडीगढ़, 27 नवंबर: हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के तहत चयनित उम्मीदवारों को अब सामाजिक-आर्थिक मानदंड और अनुभव के आधार पर अंक नहीं मिलेंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए HKRN की मौजूदा पॉलिसी में बदलाव के निर्देश दिए हैं।
जस्टिस दीपक सिब्बल और जस्टिस दीपक मनचंदा की खंडपीठ ने 21 नवंबर, 2024 को खालिद हुसैन बनाम हरियाणा राज्य एवं अन्य मामले में यह अंतरिम आदेश पारित किया। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी, 2025 तक के लिए स्थगित कर दी है।
HKRN पॉलिसी में बदलाव का आदेश
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में हरियाणा कौशल रोजगार निगम (hrkn) की डिप्लायमेंट ऑफ कांट्रैक्चुअल पर्संस पॉलिसी, 2022 में संशोधन के निर्देश दिए गए। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी, प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
HKRN को लेकर हाईकोर्ट का तर्क
हाईकोर्ट ने कहा कि HKRN के तहत सामाजिक-आर्थिक मानदंड और अनुभव के अंकों को संविधान के विरुद्ध मानते हुए इस पर रोक लगाई गई है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुभव के अंक केवल उन्हीं उम्मीदवारों को दिए जा सकते हैं जिन्होंने हरियाणा सरकार के नियंत्रण वाले विभागों, बोर्डों, विश्वविद्यालयों या सार्वजनिक उपक्रमों में कार्य किया हो।
1100 कर्मचारी हुए रिलीव
HKRN के तहत लगे लगभग 1100 संविदा कर्मचारियों को हाल ही में रिलीव कर दिया गया, क्योंकि HSSC से चयनित उम्मीदवारों ने उनकी जगह ले ली है।
सरकार के सामने चुनौतियां
HKRN को अब अपनी पॉलिसी में व्यापक बदलाव करने होंगे ताकि नई भर्ती प्रक्रिया को संविधान सम्मत बनाया जा सके। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि नए बदलावों के तहत सामाजिक-आर्थिक मानदंड या अनुभव को वेटेज देना संभव नहीं होगा।
यह फैसला राज्य की HKRN भर्ती प्रक्रिया में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है और अब सभी की नजरें आगामी 30 जनवरी की सुनवाई पर टिकी हैं।