Hospital Staff Crisis: हरियाणा के जिला अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और पैरा-मेडिकल स्टाफ की तैनाती में असमानता की गंभीर स्थिति सामने आई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने न तो ज़रूरत के अनुसार और न ही जनसंख्या के आधार पर डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति की है।
कैग रिपोर्ट में खुलासा
हरियाणा विधानसभा में प्रस्तुत की गई नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार, पंचकूला जिला एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां स्वीकृत पदों से 5% अधिक डॉक्टर तैनात हैं। वहीं, अन्य 21 जिलों में डॉक्टरों के स्वीकृत पद 6% से 49% तक खाली हैं।
Hospital Staff Crisis: डॉक्टरों के पद और जनसंख्या का अनुपात
कैग की 2016-17 से 2020-21 तक की अवधि की रिपोर्ट में बताया गया है कि हरियाणा में 4431 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए, लेकिन वास्तविकता में यह अनुपात कहीं अधिक है। अकेले पंचकूला में 2399 लोगों पर एक डॉक्टर है, जबकि फरीदाबाद में यह अनुपात 9999 लोगों पर एक डॉक्टर है।
पंचकूला में स्वीकृत पदों की संख्या 240 है, लेकिन यहां 12 अतिरिक्त डॉक्टरों के साथ 252 डॉक्टर कार्यरत हैं। इसकी तुलना में फरीदाबाद, हिसार, कैथल और यमुनानगर जैसे जिलों में डॉक्टरों की भारी कमी है। कैथल जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 49.3% पद खाली हैं।
Hospital Staff Crisis: स्वास्थ्य विभाग में कुल स्वीकृत पद
हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ के कुल 25,307 स्वीकृत पद हैं। इनमें से केवल 15,299 पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि 10,008 पद खाली पड़े हैं।
Hospital Staff Crisis: असमानता के कारण
रिपोर्ट के मुताबिक, पंचकूला में डॉक्टरों की अधिक तैनाती का एक बड़ा कारण यह है कि यह चंडीगढ़ से सटा हुआ है। कई आईएएस, आईपीएस और अन्य वरिष्ठ अधिकारी पंचकूला में रहते हैं, जिसके कारण वहां डॉक्टरों की प्राथमिकता अधिक है।
समस्या का समाधान आवश्यक
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि डॉक्टरों की नियुक्ति में जनसंख्या और जरूरत को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है। सरकार को स्वीकृत पदों को जल्द से जल्द भरने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।