HSSC की 2018 के बाद की सभी भर्तियों से SOCIO इकनॉमिक क्राइटेरिया के 5 नंबर रद्द, दोबारा आएगा रिजल्ट ? क्या रद्द होंगी भर्तियां ? जाने सही डिटेल

सोशल मीडिया पर फैला भ्रम

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में पुलिस सब इंस्पेक्टर 2018 की भर्ती (HSSC) के एक मामले के दौरान सोशल मीडिया पर ये भ्रम फैला रहा कि HSSC की 2018 के बाद की सभी भर्तियों में से सोशल इकोनॉमिक क्राइटेरिया के 5 नंबर खत्म हो गए हैं और 5 नंबर हटकर सभी भर्तियों दोबारा रिजल्ट आएगा ।

इसको लेकर 2018 के बाद की भर्तियों में लगे कर्मचारियों और उनके उन भर्तियों का एग्जाम देकर अंतिम चरण में सिलेक्शन प्राप्त नहीं कर सके अभ्यर्थियों से लेकर हरियाणा में सरकारी नौकरी की तैयारी करवाने वाले अध्यापकों में ये विषय चर्चा का विषय बना । इसको लेकर यूट्यूब आदि सोशल मीडिया पर हरियाणा में सरकारी नौकरी की अपडेट देने वाले चैनलों में भी आज के पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High court ) की पुलिस सब इंस्पेक्टर के मामले सुनवाई के दौरान, कोर्ट ऑर्डर आने से पहले ही तरह- तरह अनुमान लगाए गए ।

ऐसे में ये मामला तूल पकड़ता गया और बात चली की एक महीने के भीतर 2018 के बाद की सभी भर्तियों में से 5 नंबर हटकर दोबारा रिजल्ट आएगा और 5 नंबर हटकर अब नई मेरिट बनेगी । नई मेरिट लिस्ट में 2018 के बाद की भर्तियों में 5 नंबर लेकर लगे कर्मचारियों में से अब कुछ को हटाया जाएगा और उन भर्तियों की फाइनल मेरिट में रह गए नए अभ्यर्थियों को लिया जाएगा ।

 

Hssc latest update about 5 marks
Hssc latest update

Punjab and Haryana High court में सुनवाई के दौरान सोशल मीडिया पर फैला HSSC को लेकर भ्रम …

सोशल मिडिया पर कहा गया की HSSC के एक वकील ने कोर्ट में पुलिस सब इंस्पेक्टर की भर्ती के दौरान स्टेटमेंट दी की पुलिस सब इंस्पेक्टर समते 2018 के बाद की सभी भर्तियों में 5 नंबर हटाकर एक महीने के भीतर दोबारा रिवाइज रिजल्ट निकालेंगे । हालांकि बाद में ये भी खबर आई की उन्होंने अपनी स्टेटमैंट हटाने के लिए कोर्ट को अनुरोध किया गया है और उनसे ये गलती में कहा गया । जैसे की ज्ञात है पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा CET परीक्षा में SOCIO इकनॉमिक क्राइटेरिया के 5 नंबर को हटाने का फ़ैसला दिया जा चुका है । इसको लेकर नायब सैनी सरकार सुप्रीम कोर्ट भी पंहुची थी लेकिन वहां कोई राहत नहीं मिली थी ।

 

HSSC Update : वरिष्ठ वकील रविंद्र ढुल ने बताई सच्चाई

इस पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकील रविंद्र ढुल (Adv. Ravinder Dhull) ने सोशल मीडिया पर आकर बताया कि माननीय कोर्ट में डीनोटिफाइड ट्राइब के एक मामले में अभर्थियों द्वारा 5 नंबरों की मांग की गई थी । एचएसएससी अधिवक्ता (HSSC)ने इस मामले में इस प्रकार की स्टेटमेंट दी कि यह मामला सुकृति मालिक के मामले से मिलता है जिसमें हाई कोर्ट ने Socio इकोनॉमीक के 5 नंबर हटाने के निर्देश दिए थे तो हम एक महीने के भीतर 5 नंबर हटाकर दोबारा रिजल्ट जारी करेंगे ।

इसके बाद दोबारा सांय 4 बजे के आस पास अधिवक्ता ने इस स्टेटमेंट को हटाने का अनुरोध किया और कहा की ये मामला सीईटी के अंतर्गत नहीं है इसलिए कोर्ट ऑर्डर निकालने से पहले स्टेटमेंट को हटाया जाए ताकि आगे जाकर पिछली भर्तियों पर कोई परेशानी ना हो सके ।हालांकि यह पुराना मामला है इसका सीईटी से कोई मतलब नहीं है । माननीय कोर्ट द्वारा उनके इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया और सरकार को इस केस के ऑर्डर का अन्य पुरानी भर्तियों पर कोई असर ना पड़े , के बारे में देखने को कहा गया ।

 

वर्तमान में किसी भी पुरानी भर्ती पर कोई खतरा नहीं है तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है । उन्होंने ये भी बताया कि अगर किसी पुरानी भर्ती में कैंडिडेट्स द्वारा कोई बेनिफिट दिया जा चुका हो और उस भर्ती के किसी मामले किसी को बेनिफिट दिया जाए तो पुराने बेनिफिट ले चुके कैंडिडेट्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा । उन्हें किसी भी प्रकार से घबराने की जरूरत नहीं है ।EBPGC और SBC मामले में बेनिफिट ले चुके कैंडिडेट्स पर कोई असर नहीं पड़ा था । कोर्ट ने नए लोगों को लगाने से मना कर दिया था ।

ऐसे में अब 2018 के बाद की भर्तियों में लगे कैंडिडेट्स को किसी प्रकार से घबराने की कोई जरूरत नहीं है । उन्हें अपनी नौकरी के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है । सोशल मीडिया पर फैले भ्रम से किसी को किसी प्रकार से डरने की ज़रूरत नही है । आगे माननीय हाई कोर्ट द्वारा कोई अपडेट आती है तो हम आपको सूचित करते रहेंगे ।

 

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