HSSC CET: चंडीगढ़: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने कॉमन एलेजिबिलिटी टेस्ट (CET) में संशोधन को लेकर प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। आयोग ने अपनी सिफारिश में सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को हटाने का सुझाव दिया है। हालांकि, यह सरकार पर निर्भर करेगा कि वह कितने गुना उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए शॉर्टलिस्ट करना चाहती है।
HSSC CET संशोधन पर सरकार का फैसला लंबित
HSSC ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने की लिमिट तय करना अब सरकार का निर्णय होगा। संभावना है कि सरकार 10 गुना तक उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने पर विचार कर सकती है। आयोग ने अपने प्रस्ताव में बताया कि सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंक हटाने से मेरिट आधारित प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
3 साल होगी CET की वैधता
अगर कोई उम्मीदवार अपने HSSC CET अंकों में सुधार करता है, तो संशोधित स्कोर की वैधता 3 साल तक रखने का सुझाव भी दिया गया है। फिलहाल CET का आयोजन हर साल करने का प्रावधान है, लेकिन अभी तक केवल एक बार Group-C और Group- D के लिए CET परीक्षा आयोजित की गई है।
अग्निवीर भर्ती में भी CET स्कोर का इस्तेमाल
आयोग ने यह भी प्रस्तावित किया है कि अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में भी CET स्कोर का उपयोग किया जा सकता है। इससे HSSC CET का दायरा और व्यापक हो जाएगा।
Haryana CET पॉलिसी में संशोधन के पीछे कारण
जैसा कि ज्ञात है- इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने CET की कुछ शर्तों को अवैध ठहराते हुए सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों को लेकर भी आपत्ति जताई थी। इसके बाद HSSC ने पॉलिसी में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया और सरकार को भेज दिया।
अब सरकार को यह तय करना है कि CET Policy में प्रस्तावित बदलाव लागू किए जाएंगे या नहीं। सरकारी स्तर पर अंतिम निर्णय जल्द होने की उम्मीद है।