देश की आजादी से पहले ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी के दौरान पौराणिक काल की (Indian Kohinoor Diamond)अनेक मूर्तियों, कलात्मक वस्तुओं या रत्न-आभूषणों को अंग्रेजों के द्वारा लूटा गया था। इन लूटी हुई वस्तुओं में कोहिनूर हीरा भी शामिल है जो इस समय लंदन के ज्वेल हाउस में है।
लंबे समय से करोड़ों भारतीयों की इच्छा रही है कि यह कोहिनूर हीरा अब देश में वापस आना चाहिए, लेकिन ब्रिटेन ने अब तक ऐसा कोई रुख नहीं दिखाया है जिससे इस बेशकीमती हीरे के भारत वापसी का रास्ता तैयार हो सके। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच शुक्रवार को हुए एक समझौते के बाद इसकी देश वापसी का रास्ता निकल सकता है।
Indian Kohinoor Diamond कल्चरल प्रॉपर्टी एग्रीमेंट
पाठकों को बता दें कि, शुक्रवार 26 जुलाई को दिल्ली और न्यूयॉर्क के बीच हुए एक समझौते में यह तय किया गया है कि (किसी भी देश की गुलामी के दौरान लूटी गई या तस्करी के माध्यम से किसी दूसरे देश को ले जाई गई) पुरातात्विक महत्त्व की कलात्मक वस्तुओं को उसके मूल देशों को वापस लौटाने की कोशिस की जाएगी। इस समझौते को ‘कल्चरल प्रॉपर्टी एग्रीमेंट’ नाम दिया गया है। इसके लिए भारत और अमेरिका मिलजुलकर प्रयास करेंगे।
भारत और अमेरिका के समझौते से निकलेगा रास्ता
आरंभिक दौर में यह समझौता भारत और अमेरिका के बीच हुआ है, मगर शीघ्र ही दुनिया के अन्य देशों को भी इससे जोड़ा जाएगा। इस कार्य की सफलता के लिए विभिन्न देशों की एजेंसियों को एक मंच पर लाने और उन्हें इसके लिए सहमत करने की आवश्यकता पड़ेगी। इस प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है।
मगर इतना क्लियर हो गया है कि इस समझौते के बाद पुरातात्विक महत्व की कलात्मक वस्तुओं, मूर्तियों या रत्न-आभूषणों को उनके मूल देश को वापस भेजे जाने का रास्ता तैयार हो सकता है। पुरातात्विक मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ब्रिटेन और भारत के बीच इस मुद्दे पर सहमति बनी तो कोहिनूर (Indian Kohinoor Diamond) के दिल्ली आने का रास्ता बहुत जल्द तैयार हो सकता है। फिलहाल कोहिनूर हिरा ब्रिटेन में है।
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