Indian Railways Unmanned Crossing Eliminated: नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने पूरे नेटवर्क से मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग्स को समाप्त कर दिया है। यह कदम रेलवे सुरक्षा में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। रेलवे ने उन सभी मानवरहित फाटकों को बंद कर दिया है, जिन पर ट्रेनों की आवागमन की संख्या कम थी या फिर उन फाटकों को समीप के मानवयुक्त फाटकों से जोड़ दिया। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर रेलवे ने सड़क के नीचे Subways भी बनवाए हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों में मानवरहित फाटकों को मानवयुक्त फाटक में बदल दिया गया है। रेलवे ने ब्रॉड गेज नेटवर्क पर सभी मानवरिहत रेलवे क्रॉसिंग के समाप्त करके भारतीय रेल नेटवर्क में अब पहले से सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था बहाल की है।
रेलवे विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मानवरहित फाटकों को समाप्त करना एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि ये फाटक आमतौर पर हादसों का कारण बनते थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह रेलवे के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि मानवरहित फाटक मौत के जाल की तरह थे। जिस गति से इस कार्य को पूरा किया गया है, वह सराहनीय है।
मानवरहित क्रॉसिंग्स से जुड़ी मौतों में आई कमी
मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर हादसों की खबरें अक्सर सामने आती रहती थीं। इन क्रॉसिंग्स पर वाहन चालकों और ट्रेनों के बीच टकराव के कारण अनेक दुर्घटनाएं होती थीं। सरकार ने इस समस्या पर ध्यान देते हुए मानवरहित क्रॉसिंग्स को खत्म करने का कार्य तेज़ी से शुरू किया। इस अभियान के परिणामस्वरूप, रेलवे क्रॉसिंग्स पर होने वाली मौतों में भारी कमी आई है।
ताजा आंकड़े बताते हैं तेज़ी से किए गए सुधार
रेलवे मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2009-10 में केवल 930 मानवरहित फाटकों को हटाया गया था, जबकि वर्ष 2015-16 में यह संख्या बढ़कर 1253 हो गई थी। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 1000 फाटकों को हटाने का लक्ष्य रखा गया था। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है।
भारत का रेलवे नेटवर्क हुआ मानवरहित क्रॉसिंग से मुक्त
भारतीय रेलवे, जो दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है, अब ब्रॉड गेज नेटवर्क पर सभी मानवरिहत रेलवे क्रॉसिंग पूरी तरह से मुक्त हो चुकी हैं। 31 मार्च, 2014 को भारत में 8,948 मानवरहित क्रॉसिंग्स थीं, जो अब 31 मार्च, 2024 तक पूरी तरह समाप्त हो चुकी हैं। यह कार्य भारतीय रेलवे की सुरक्षा को लेकर उनकी प्रतिबद्धता और तत्परता को दर्शाता है।
यात्री सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
रेलवे मंत्रालय के मुताबिक, इस सफलता के साथ ही भारतीय रेलवे ने यात्री सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को और मजबूत किया है। अब, मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग से मुक्ति मिलने के बाद, यात्रियों के लिए रेलवे यात्रा और भी सुरक्षित हो गई है।
यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो भारतीय रेलवे के सुरक्षा मानकों को नए ऊंचाईयों तक ले जाएगा।