Vinesh Phogat Welcome Program : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की कुश्ती उम्मीदों को एक बड़ा झटका लगा है। खेल न्यायालय (CAS) ने भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट की अपील को खारिज कर दिया है, जिससे उनका सिल्वर मेडल पाने का सपना अधूरा रह गया। इस फैसले से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और देशभर के खेल प्रेमियों में निराशा का माहौल है।
रूट मैप: विनेश फोगाट का स्वागत
इस बीच, विनेश फोगाट के भारत लौटने पर उनके स्वागत की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। उनके भाई हरवेन्द्र बलाली ने रूट मैप जारी किया है, जिसमें दिल्ली से उनके गांव बलाली तक स्वागत यात्रा की जानकारी दी गई है।
स्थान | समय | महत्वपूर्ण जानकारी |
IGI एयरपोर्ट दिल्ली | 17 अगस्त , सुबह 10 बजे | स्वागत समारोह की शुरुआत |
द्वारका एक्सप्रेसवे | निःशुल्क प्रवेश | सड़कों पर समर्थकों का तांता |
धनकोट | – | स्थानिय निवासी जुटेंगे |
बाढ़सा AIIMS | – | भारी भीड़ की संभावना |
झज्जर बाईपास | – | स्वागत के लिए विशेष तैयारियां |
इस यात्रा के दौरान अलग-अलग स्थानों पर उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। प्रमुख स्थानों में द्वारका एक्सप्रेसवे, झज्जर बाईपास, और बलाली गांव शामिल हैं। इस स्वागत यात्रा में बड़ी संख्या में समर्थकों के शामिल होने की उम्मीद है।
विनेश फोगाट का मुकाबला और विवाद :
विनेश फोगाट, जो 50 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही थीं, को फाइनल मुकाबले से ठीक पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसका कारण यह था कि फाइनल के दिन उनका वजन तय सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया। इस विवादित निर्णय के बाद, विनेश ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। इस मामले को खेल न्यायालय में चुनौती दी गई, लेकिन 14 अगस्त को CAS ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया, जिससे सिल्वर मेडल की उम्मीदें समाप्त हो गईं।
CAS का निर्णय और प्रतिक्रियाएं :
CAS के इस निर्णय के बाद भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और WFI में गहन निराशा व्याप्त है। IOA की अध्यक्ष पीटी उषा ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एथलीटों के वजन प्रबंधन की जिम्मेदारी पूरी तरह से उनके और उनके कोच पर होती है, न कि IOA द्वारा नियुक्त चिकित्सा अधिकारी पर। इस बयान ने खेल जगत में एक नई बहस छेड़ दी है, जिसमें खिलाड़ियों और अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
भारतीय कुश्ती के लिए बड़ा झटका :
इस मामले का फैसला भारतीय कुश्ती के लिए एक बड़ा झटका है। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की कुश्ती में पदक की उम्मीदें अब लगभग समाप्त हो चुकी हैं। विनेश फोगाट जैसी अनुभवी खिलाड़ी की अनुपस्थिति में, भारतीय कुश्ती टीम के सामने कठिन चुनौतियां हैं। इस घटनाक्रम के बाद अब भारतीय कुश्ती महासंघ को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।
विनेश फोगाट के मामले ने न केवल उनके करियर पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया है कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कैसे छोटे-छोटे मानकों की अनदेखी खिलाड़ियों के लिए घातक साबित हो सकती है। अब सबकी निगाहें आगामी प्रतियोगिताओं और भविष्य के खेल आयोजनों पर हैं, जहां भारतीय खिलाड़ी नए आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरेंगे।
विनेश फोगाट के विवाद पर विशेषज्ञों की राय :
इस निर्णय के बाद यह देखना होगा कि भारतीय कुश्ती महासंघ और खेल मंत्रालय मिलकर भविष्य में कैसे इस प्रकार की समस्याओं से निपटते हैं, ताकि खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।