IPS clean chit Sumit kumar : हरियाणा के IPS आफिसर पर महिला पुलिस कर्मी यौन शोषण के आरोपों के मामले में क्लीन चिट मिल गई है। डीजीपी की तरफ से गठित इन्क्वायरी कमेटी की फाइनल रिपोर्ट में आईपीएस अधिकारी को निर्दोष ठहराया गया है और उन पर लगे आरोप निराधार मिले हैं। कमेटी को यौन शोषण के मामले में कोई भी सबूत नहीं मिला है। जिन महिला पुलिस कर्मियों के नाम से शिकायत आई थी, उन नाम से भी जींद में कोई महिला पुलिस कर्मचारी नहीं मिली।
कमेटी ने जांच में करीब 168 महिला पुलिस कर्मियों के बयान लिए थे। इसके अलावा IPS अधिकारी के जींद में कार्यकाल के दौरान महिला पुलिस कर्मियों के सर्विस रिकार्ड की भी जांच की। इसके बाद जो फाइनल रिपोर्ट सौंपी गई, उसमें आईपीएस अधिकारी पर लगे आरोप निराधार बताते हुए उन्हें क्लीन चिट दे दी।
गौरतलब है कि 26 अक्टूबर 2024 को हरियाणा में IPS ऑफिसर Sumit Kumar पर महिला पुलिसकर्मियों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। महिला पुलिसकर्मियों ने इसको लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को चिट्ठी लिखी थी। यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। इस पर 7 महिला पुलिसकर्मियों के साइन भी थे। चिट्ठी में आरोप लगाया गया था कि IPS ऑफिसर ने एक महिला पुलिस अधिकारी से मिलकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाब बनाया और ऐसा नहीं करने पर वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) खराब करने की धमकी तक दी।

महिला पुलिसकर्मियों ने घटना के बारे में महिला DSP को भी बताया था। CM को लिखे पत्र में महिला पुलिसकर्मियों ने कहा था कि अगर उनकी शिकायत पर गौर नहीं किया तो वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएंगी। इसके बाद मामले की जांच शुरू हो गई थी। जांच टीम में सिरसा एसपी आस्था मोदी को भी शामिल किया गया था। महिला आयोग की तरफ से भी जांच शुरू की गई थी। इस दौरान आईपीएस को जींद से अंबाला ट्रांसफर कर दिया था।
महिला पुलिसकर्मियों के यौन शोषण के आरोपों की अब 3 स्तर पर जांच की जा रही थी। महिला आयोग (Mahila ayog) की टीम के साथ-साथ दो आईपीएस अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे थे। फतेहाबाद की महिला आईपीएस अधिकारी आस्था मोदी और एडीजीपी ममता सिंह भी जांच कर रही थीं। इसके अलावा एसआईटी जांच भी की गई।
हिसार एसपी (Hisar SP) के नेतृत्व में एसआईटी जांच के लिए टीम बनाई गई थी। अब कमेटी की फाइनल रिपोर्ट में आईपीएस अधिकारी को क्लीन चिट दे दी है। इस मामले में आईपीएस से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें पहले ही पता था कि जांच में वह निर्दोष साबित होंगे। कुछ बुरे दिन थे, जो अब टल गए हैं। उन्होंने खुद ही जांच के लिए पत्र लिखा था।