Jal sanrakshan : जींद : जल संरक्षण के प्रति जिले में जागरूकता लगातार बढ़ रही है। 300 गांवों में सभी एक लाख 90 हजार घरों में पेयजल के कनेक्शन पर टैप लग चुकी हैं, जिससे पेयजल की बर्बादी रूकी है। जल जीवन मिशन के तहत जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले पांच सालों में 88 हजार 504 घरों में पानी पहुंचाया है। सरपंच की अगुआई में गांवों में ग्राम जल एवं सीवरेज समिति के गठन के बाद इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।
पांच वर्ष पहले तक 300 गांवों के एक लाख 90 हजार 363 घरों में से एक लाख एक हजार 859 घरों में ही पेयजल का कनेक्शन था। इसके बाद जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल जीवन मिशन शुरू किया गया। इसमें गांवों में 16 सदस्यीय ग्राम जल एवं सीवरेज समिति का गठन किया गया। सरपंच को इसका चेयरमैन बनाया गया।
समिति में जन स्वास्थ्य विभाग के जेइ, पंचायती राज विभाग के जेइ, ग्राम सचिव, पंच, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर, समाज सेवी संगठनों को शामिल किया गया। इनके जिम्मे हर घर तक पानी पहुंचाना, हर नल पर टैप लगाने का काम सौंपा गया। ग्राम जल एवं सीवरेज कमेटी को जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा मासिक प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण के बाद मिशन शुरू हुआ और हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए टीम घर-घर गई। पांच साल में ही जल जीवन मिशन के तहत 88 हजार 504 घरों तक पानी पहुंचाया गया और इन कनेक्शन को नियमित करते हुए इन पर टैप लगाई गई।
स्वच्छ पेयजल पहुंचाने को बदली पुरानी पाइप लाइन, 10 से ज्यादा गांवों में बनाए जलघर
जल जीवन मिशन के तहत हर घर हर नल तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा सालों पुरानी भूमिगत कंडम हो चुकी पेयजल की पाइप लाइन को बदला गया। जहां पर पाइप लाइन नहीं थी, वहां पर पाइप लाइन बिछाई गई। खोखरी समेत 10 से ज्यादा गांवों में करोड़ों रुपये खर्च कर जलघर का निर्माण करवाया गया। नए ट्यूबवेल लगाए गए, बुस्टिंग स्टेशन बनाए गए। इसके बाद सभी घरों तक पेयजल पहुंचने लगा। विभाग का दावा है कि आज हर घर में पेयजल पहुंच रहा है।
पंचायतों को जल संरक्षण के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण : रणधीर मताना
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के जिला सलाहकार रणधीर मताना ने बताया कि विभाग की टीम द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। पंचायतों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। पानी की बर्बादी रूकने लगी है। पहले बिना टैप के नलों से पानी व्यर्थ बहता रहता था लेकिन अब लोग पानी भरने के बाद नल को बंद करने लगे हैं।
वर्तमान में भी पंचायतों का प्रशिक्षण चल रहा है। 15 जनवरी तक सभी पंचायतों का प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा। रणधीर मताना ने बताया कि जल संरक्षण के लिए बेहतर कार्य करने पर 2024 में महिला दिवस पर खकरामजी गांव की पूर्व सरपंच कविता गोयत को जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से सम्मानित किया गया था।