Jind Politics : प्रदेश की राजनीति को (Jind Politics) चौधरी दल सिंह व मांगेराम गुप्ता जैसे बड़े नेता देने वाले जींद विधानसभा क्षेत्र में 15 साल से मिढ़ा परिवार की चौधर चल रही है। जींद विधानसभा क्षेत्र से मिढ़ा परिवार के सामने कांग्रेस के पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता व रणदीप सुरजेवाला भी हार चुके हैं, लेकिन पार्टी का टिकट पाने के लिए अभी भी नेताओं में काफी जोश है। टिकट के लिए 48 नेताओं ने आवेदन किया है।
लंबे समय तक जींद की राजनीति में कांग्रेस के प्रभाव रहा, लेकिन 2009 के विधानसभा चुनाव में इनेलो के टिकट पर डा. हरिचंद मिढ़ा (Dr. Harichand Midha) ने कांग्रेस के पूर्व मंत्री और चार बार चुनाव जीत चुके मांगेराम गुप्ता को हरा दिया। इसके बाद 2014 के चुनाव में डा. मिढ़ा ने भाजपा के सुरेंद्र बरवाला को हरा दिया। सुरेंद्र बरवाला भी दो बार हिसार से सांसद व पूर्व मंत्री रह चुके थे। 2019 में डा. हरिचंद मिढ़ा के निधन के बाद खाल हुई सीट पर भाजपा ने उनके बेटे डा. कृष्ण मिढ़ा को उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया।
उनके समक्ष कांग्रेस (Jind Politics) ने हैवीवेट उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) को उतारा। वहीं जजपा की ओर से दिग्विजय चौटाला ने चुनाव लड़ा। इस चुनाव में पहली बार चुनाव लड़ रहे डा. कृष्ण मिढ़ा ने 12935 मतों से चुनाव जीत लिया। दूसरे स्थान पर दिग्विजय चौटाला रहे। उन्हें 37 631 मत मिले, जबकि कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला 22740 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे। इसके बाद हुए सामान्य चुनाव में भाजपा ने डा. कृष्ण मिढ़ा को ही उम्मीदवार बनाया, जबकि जजपा ने पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता (Mange Ram Gupta) के बेटे महावीर गुप्ता और कांग्रेस ने पूर्व मंत्री बृजमोहन सिंगला (Brijmohan Mohan Singla) के बेटे अंशुल सिंगला को टिकट दिया।
इस चुनाव में भी डा. कृष्ण मिढ़ा 12508 मतों से जीत गए। भाजपा के डा. कृष्ण मिढ़ा (Dr Krishan Midha) को 58370 मिले, जबकि जजपा के महावीर गुप्ता को 45862 मत मिले। वहीं कांग्रेस इस चुनाव में महज 7958 मत ही ले सकी। मांगेराम गुप्ता व रणदीप सुरजेवाला जैसे बड़े नेताओं की हार के बाद कांग्रेसी टिकट के लिए लंबी लाइन लगाए खड़े हुए हैं। कुल 48 नेताओं ने टिकट के लिए (Jind Politics) आवेदन किया है।
जजपा (JJP) को पिछले चुनाव परिणाम से आस
पिछले दो चुनाव में बेशक जजपा जींद विधानसभा सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी है, लेकिन रणदीप सुरजेवाला जैसे बड़े चेहरे के होते हुए लगातार दूसरे स्थान पर रही है। ऐसे में जजपा को आस है कि यह प्रदर्शन सुधर सकता है। इसके लिए फिलहाल पार्टी की ओर से कोई बड़ा चेहरा टिकट के लिए आगे नहीं है, लेकिन कांग्रेस से टिकट कटने के बाद आने वाले नेताओं पर नजर है।