जींद (हरियाणा) : 1 दिसंबर से हरियाणा में नया कलेक्टर रेट लागू होने (Jind new collector rate 2024-25) जा रहा है। जींद में भी नए कलेक्टर रेट के तहत भूमि के रेट में बदलाव किए गए हैं, जो क्षेत्र और प्रकार के अनुसार अलग-अलग होंगे। इस बदलाव से लोगों की जेब पर असर पड़ेगा, क्योंकि रजिस्ट्री के लिए पहले से अधिक स्टाम्प ड्यूटी चुकानी पड़ेगी।
Jind new collector rate 2024-25 : नए कलेक्टर रेट का असर
जींद जिले में कई स्थानों पर कलेक्टर रेट में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। यह बदलाव शहर, गांव और कृषि योग्य भूमि के लिए लागू किया गया है। खासतौर पर अमरहेड़ी के पास खेती की जमीन का रेट एक करोड़ प्रति एकड़ के पार पहुंच गया है, जो पहले करीब 95 लाख रुपये था।
Jind new collector rate 2024-25 : नई दरों के मुताबिक खरीद-फरोख्त
यह कलेक्टर रेट 2024-25 के वित्तीय वर्ष के लिए हैं और रेट अप्रैल में साइट पर अपलोड किए गए थे। हालांकि, चुनाव के कारण इन रेट्स को लागू नहीं किया जा सका था। अब 1 दिसंबर से नए रेट के अनुसार भूमि की खरीद-फरोख्त शुरू हो जाएगी।
देखिए जींद में कहां कितने बढ़े कलेक्टर रेट
फव्वारा चौक: यहां जमीन के रेट में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अमरहेड़ी: सड़क किनारे खेती की जमीन का रेट पहले 95 लाख रुपये प्रति एकड़ था, जो अब बढ़कर 1.03 करोड़ रुपये प्रति एकड़ हो गया है।
अशरफगढ़: हाईवे के पास एकड़ का रेट पहले 63 लाख रुपये था, जो अब 69.3 लाख रुपये हो गया है।
फव्वारा चौक से शहर थाना पुलिस एरिया तक: यहां जमीन के रेट में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिससे रेट 81,900 रुपये प्रति गज हो गया है।
रामराए गेट से फव्वारा चौक तक: पुराना रेट 54,400 रुपये था, जो अब बढ़कर 55,440 रुपये प्रति गज हो गया है।
गांधी नगर, रोहतक रोड: यहां जमीन के रेट में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे रेट 6,930 रुपये प्रति गज हो गया है।
गोहाना रोड: यहां एकड़ का रेट पहले 1.15 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 1.27 करोड़ रुपये हो गया है।
दावे और आपत्ति
राजस्व विभाग ने अप्रैल में नए कलेक्टर रेट को लेकर लोगों से दावे और आपत्ति मांगी थी। हालांकि, विभाग को इस संबंध में एक-दो शिकायतें ही मिली हैं और वे शिकायतें नए रेट में बढ़ोतरी से संबंधित नहीं थीं।
नए कलेक्टर रेट लागू होने से जींद में जमीन की खरीद-फरोख्त में बदलाव आ सकता है। लोग नए रेटों के हिसाब से स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करेंगे, जो पहले से ज्यादा होगी। यह रेट 1 दिसंबर से प्रभावी हो जाएंगे।