Jind News : जींद जिला परिषद की बैठक दूसरी बार भी स्थगित, नहीं पहुंचे डीसी, हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे चेयरपर्सन

Sonia kundu
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Jind News : जींद जिला परिषद चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की बैठक दूसरी बार भी स्थगित हो गई। बैठक की अध्यक्षता डीसी मोहम्मद इमरान रजा द्वारा की जानी थी लेकिन प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए डीसी बैठक में नहीं पहुंचे। इस कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया। इससे पहले 13 दिसंबर को भी बैठक को स्थगित कर दिया गया था। चेयरपर्सन गुट का दावा है कि विरोधी खेमे के पास बहुमत नहीं है, इसलिए बार-बार बैठक को स्थगित करवाया जा रहा है।

अब वह दोबारा से बैठक और ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बुधवार दोपहर 12 बजे बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का समय निर्धारित किया गया था। पौने 12 बजे जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा तथा उनके पति कुलदीप रंधावा बैठक में पहुंच गए थे लेकिन विरोधी खेमे से सदस्य नहीं पहुंचे।

विरोधी खेमे में वाइस चेयरपर्सन सतीश हथवाला अपने कुछ पार्षदों को लेकर पहुंचे लेकिन इनकी संख्या पूरी नहीं थी, इसलिए वह बैठक की बजाय जिला परिषद में अलग कमरे में जाकर बैठ गए। साढ़े 12 बजे तक इंतजार करने के बाद डीसी की तरफ से प्रशासनिक कारणों के चलते बैठक में नहीं पहुंचने का संदेश आया।

जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा फिलहाल भाजपा की सदस्य हैं। उन्होंने भाजपा की सदस्यता पिछले साल ली थी, जबकि लगभग 2 साल पहले जब वह जिला परिषद चेयरपर्सन बनी थी, तब वह और उनके पति कुलदीप रंधावा दोनों जेजेपी में थे। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मनीषा रंधावा का खुलकर साथ दिया था।

विधानसभा चुनावों से पहले कुलदीप रंधावा कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट के साथ नजर आने लगे। चुनावों के बाद जब दोबारा से भाजपा की सरकार बनी तो कुलदीप रंधावा ने भाजपा की ओर रूख कर लिया। करीब एक माह पहले कुलदीप रंधावा ने सीएम नायब सैनी के साथ सोशल मीडिया पर अपनी फोटो डाली थी और कहा था कि अब वह भाजपा के सदस्य हैं।

चेयरपर्सन को कुर्सी से हटाने के लिए 17 पार्षदों का समर्थन जरूरी

जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा को कुर्सी से हटाने के लिए विरोधी पार्षदों को 17 पार्षदों का समर्थन चाहिए। मनीषा रंधावा को अपनी कुर्सी बचाने के लिए केवल 9 पार्षदों की जरूरत है। मनीषा रंधावा का दावा है कि उनके पास 12 पार्षदों का समर्थन है। इसी कारण विरोधी गुट मुंह दिखाने की स्थिति में नहीं है।

मनीषा रंधावा ने कहा कि पिछले काफी समय से विकास कार्य रूके हुए हैं। जिप के खाते में 5 करोड़ से ज्यादा की राशि है लेकिन इसका वितरण नहीं हो पा रहा है। अगर बैठक जल्दी हो जाए तो इसके बाद ग्रांट वितरण के लिए बैठक बुलाई जा सकती है।

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